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सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
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आज का दिन - 28 जनवरी 2025 (भारतीय समयानुसार)
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एक आलेखसंसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें
एक पर्यटन स्थलडल झील का प्रमुख आकर्षण केन्द्र तैरते हुए बग़ीचे हैं। पौराणिक मुग़ल किलों में यहाँ की संस्कृति तथा इतिहास के दर्शन होते हैं। डल झील के पास ही मुग़लों के सुंदर एवं प्रसिद्ध पुष्प वाटिका से डल झील की आकृति और उभरकर सामने आती है। कश्मीर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय झील के तट पर स्थित है। शिकारे के माध्यम से सैलानी नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी, कुछ द्वीप जो यहाँ पर स्थित हैं, उन्हें देख सकते हैं। श्रद्घालुओं के लिए हज़रतबल तीर्थस्थल के दर्शन करे बिना उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। शिकारे के माध्यम से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल के दर्शन कर सकते हैं। दुनिया भर में यह झील विशेष रूप से शिकारों या हाऊस बोट के लिए जानी जाती है। डल झील के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता अधिक संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ... और पढ़ें
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भारतकोश हलचल
विश्व कैंसर दिवस (04 फ़रवरी) • चौरी-चौरा दिवस (04 फ़रवरी) • आरोग्य सप्तमी (04 फ़रवरी) • पुत्र सप्तमी (04 फ़रवरी) • रथ सप्तमी (04 फ़रवरी) • कुम्भ मेला, तीसरा शाही स्नान (03फ़रवरी) • स्कन्द षष्ठी (03 फ़रवरी) • होली उत्सव प्रारम्भ (मथुरा-वृन्दावन)(02 फ़रवरी) • बसंत पंचमी (02 फ़रवरी) • विनायक चतुर्थी (02 फ़रवरी) • वरद चतुर्थी (01 फ़रवरी) • तटरक्षक दिवस (01 फ़रवरी) • शहीद दिवस (गाँधी जी) (30 जनवरी) • विश्व कुष्ठ रोग दिवस(30 जनवरी) • कुम्भ मेला, द्वितीय शाही स्नान (29 जनवरी) • बीटिंग द रिट्रीट (29 जनवरी) • प्रदोष व्रत (27 जनवरी) • गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) • जम्मू और कश्मीर स्थापना दिवस (26 जनवरी) • राष्ट्रीय बालिका दिवस (24 जनवरी) • सुभाष चंद्र बोस जयंती (23 जनवरी) • पराक्रम दिवस (23 जनवरी) • मणिपुर स्थापना दिवस (21 जनवरी) • त्रिपुरा स्थापना दिवस (21 जनवरी) • मेघालय स्थापना दिवस (21 जनवरी) • गणेश चतुर्थी (17 जनवरी) • थल सेना दिवस (15 जनवरी) • मकर संक्रांति (14 जनवरी) • कुम्भ मेला, प्रथम शाही स्नान (14 जनवरी) • लोहड़ी (13 जनवरी) • कल्पवास प्रारम्भ, प्रयागराज (13 जनवरी) • कुम्भ मेला प्रारम्भ (13 जनवरी)
जन्म
जोगेन्द्र नाथ मंडल (29 जनवरी) • ए. एन. राय (29 जनवरी) • राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (29 जनवरी) • लाला लाजपत राय (28 जनवरी) • के. एम. करिअप्पा (28 जनवरी) • विद्यानिवास मिश्र (28 जनवरी) • पंडित जसराज (28 जनवरी) • राजेन्द्र शाह (28 जनवरी) • भगवत दयाल शर्मा (28 जनवरी) • सुमन कल्याणपुर (28 जनवरी) • प्रतापसिंह राणे (28 जनवरी) • राजा रमन्ना (28 जनवरी) • शेफाली वर्मा (28 जनवरी) • बसवराज बोम्मई (28 जनवरी)
मृत्यु
जॉर्ज फ़र्नांडिस (29 जनवरी) • सरला ग्रेवाल (29 जनवरी) • महाराणा प्रताप (29 जनवरी) • पीलू मोदी (29 जनवरी) • बाबा इकबाल सिंह (29 जनवरी) • मोहम्मद अल्वी (29 जनवरी) • अरविंद जोशी (29 जनवरी) • राम निवास मिर्धा (29 जनवरी) • ओ. पी. नैय्यर (28 जनवरी) • सोहराब मोदी (28 जनवरी) • हंसमुख धीरजलाल सांकलिया (28 जनवरी) • देवकान्त बरुआ (28 जनवरी) • भारती मुखर्जी (28 जनवरी)
समाचार
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एक व्यक्तित्व
महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें
पिछले लेख → | पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर | जे. आर. डी. टाटा | आर. के. लक्ष्मण |
चयनित चित्र
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