हुमायूँ का मक़बरा
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
- दिल्ली एक आकर्षक पर्यटन स्थल है।
- हुमायूँ एक महान मुग़ल बादशाह था जिसकी मृत्यु शेर मंडल पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिर कर हुई थी।
- हुमायूँ का मक़बरा उनकी पत्नी हाजी बेगम ने हुमायूँ की याद में हुमायूँ की मृत्यु के आठ साल बाद बनवाया था।
- 1562-1572 के बीच बना यह मक़बरा आज दिल्ली के प्रमुख पर्यटक स्थलों में एक है।
- यहाँ पर्यटक प्रतिदिन हजारों की संख्या में आते हैं।
- इस इमारत पर फ़ारसी वास्तुकार मिरक मिर्जा गियायुथ की छाप साफ देखी जा सकती है।
- यह मक़बरा संत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह के पास यमुना नदी के किनारे स्थित है।
- यहाँ बाद में मुग़लों के शाही परिवार के कई सदस्यों को दफ़नाया गया।
- इस जगह पर हमीदा बेगम (अकबर की मां), दारा शिकोह (शाहजहाँ का बेटा) और बहादुर शाह ज़फ़र द्वितीय (अंतिम मुग़ल शासक) का मक़बरा भी है।
- यही मक़बरा विश्व विख्यात ताजमहल के निर्माण की प्रेरणा बना। इस मक़बरे का प्रभाव ताजमहल पर भी देखा जा सकता है।
- यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया है। इस मक़बरे की देखरेख भारतीय पुरातत्त्व विभाग करता है।
- यह पहली जगह है जहाँ मक़बरे के साथ-साथ एक पार्क भी स्थित है।
- यहाँ भारतीय परम्परा एवं पारसी शैली की वास्तुकला का अदभुत संगम देखने को मिलता है।
वीथिका
|
|
|
|
|