महाराष्ट्र की कृषि

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महाराष्ट्र के लगभग 65 प्रतिशत श्रमिक कृषि तथा संबंधित गतिविधियों पर निर्भर है। यहाँ की प्रमुख फ़सलें हैं- धान, ज्‍वार, बाजरा, गेहूँ, तूर (अरहर), उडद, चना और दलहन। यह राज्‍य तिलहनों का प्रमुख उत्‍पादक है और मूँगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन प्रमुख तिलहनी फ़सलें है। महत्‍वपूर्ण नकदी फ़सलें है कपास, गन्ना, हल्दी और सब्जियाँ। राज्‍य में 12.90 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र में विभिन्‍न प्रकार के फल, जैसे आम, केला, संतरा, अंगूर, काजू आदि की फ़सलें उगाई जाती है।

सिंचाई और बिजली

जून 2005 के अंत तक 32 बड़ी, 178 मंझोली और राज्‍य के क्षेत्र की 2,274 लघु सिंचाई परियोजनाएं पूरी हो चुकी थीं इसके अलावा 21 बडी 39 मंझोली सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण कार्य जारी है। 2004 से 2005 में राज्‍य में कुल सिंचित क्षेत्र 36.36 लाख हेक्‍टेयर था। 2004-05 में महाराष्ट्र की कुल स्‍थापित विद्युत उत्‍पादन क्षमता 12,909 मेगावाट थी। राज्‍य में प्‍लांट लोड फैक्‍टर (पी.एल.एफ) 81.6 प्रतिशत था और बिजली उत्‍पादन 68,507 करोड किलोवाट घंटा था।


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