गोविन्द राम(वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:29, 18 जुलाई 2011 का अवतरण ('<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5" |-</noinclude> | style="background:transparent;"| {| style="backgr...' के साथ नया पन्ना बनाया)
मिर्ज़ा ग़ालिब ने फ़ारसी भाषा में कविता करना प्रारंभ किया था और इसी फ़ारसी कविता पर ही इन्हें सदा अभिमान रहा। परंतु यह देव की कृपा है कि, इनकी प्रसिद्धि, सम्मान तथा सर्वप्रियता का आधार इनकी छोटा-सा उर्दू का ‘दीवाने ग़ालिब’ ही है। ... और पढ़ें