अरिष्ट

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
फ़िज़ा (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:42, 17 अगस्त 2011 का अवतरण ('वाल्मीकि रामायण सुन्दर काण्ड<ref...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

वाल्मीकि रामायण सुन्दर काण्ड[1] के अनुसार लंका में समुद्रतट पर स्थित एक पर्वत, जिस पर चढ़कर हनुमान ने लंका से लौटते समय, समुद्र को कूद कर पार किया था-

'आरुरोह गिरिश्रेष्ठमरिष्टमरिमर्दन:, तुंगपद्मकजुष्टाभिर्नीलाभिर्वनराजिभि:'।

इसी के सामने भारत में समुद्र के दूसरे तट पर महेंद्र पर्वत की स्थिति थी।[2] हनुमान के अरिष्ट पर आरूढ़ होने के पश्चात् इस पर्वत की दशा की अद्भुत वर्णन वाल्मीकि ने किया है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख