अभिमान (फ़िल्म)
अभिमान फ़िल्म 1973 में बनी हुई फिल्म है। पुरुष का अहम्, उसका प्रेम, परिवार, भावनाओं से भी ऊपर होता है। पत्नी-पति से किसी भी क्षेत्र में प्रगति कर रही हो, यह बात पुरुष का अहम् स्वीकार नहीं कर पाता। जीवन की इसी वास्तविकता को केंद्र बिन्दु बनाकर ऋषिकेश मुखर्जी ने इस संवेदनशील फिल्म का निर्देशन किया था।
पटकथा
राजू भर्तन की कहानी पर आधारित राजिंदर बेदी, नवेंदु घोष एवं ब्रजेश चटर्जी द्वारा लिखी इस पटकथा पर आज से लगभग सैंतीस वर्ष पूर्व ऋषिकेश मुखर्जी के कुशल निर्देशन में बनी यह फिल्म अत्यधिक लोकप्रिय हुई थी।
संगीत
मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे गीत, सचिनदेव बर्मन के सिद्धहस्त संगीत से सजे तथा किशोर कुमार, लता मंगेशकर और मोहम्मद रफ़ी द्वारा गए सुमधुर गीतों ने फिल्म की लोकप्रियता में चार चाँद लगा दिए थे।
कथानक
फिल्म की कहानी में सुबीर एक गायक (अमिताभ बच्चन) है जो अपनी गायकी के कारण बहुत लोकप्रिय है और लड़कियां उसकी दीवानी हैं। इस दुनिया में उसकी एक मुहं बोली मौसी (दुर्गा खोटे)है, उसके अतिरिक्त उसका कोई अपना नहीं। शहर में चंदू (असरानी) के साथ वह रहता है, जो उसका हितैषी और उसका सचिव भी है। किसी विशेष कार्यवश सुबीर को मौसी के गाँव जाना पड़ता है जहाँ वह सदानंद (ऐ.के. हंगल) की बेटी उमा (जया बच्चन) का मधुर गीत सुन कर प्रभावित होता है, सादगी की प्रतिमूर्ति उमा से मौसी उसकी शादी करा देती है। शहर में आकर एक समारोह में दोनों साथ गाते हैं और यहीं पर सुबीर भविष्य में उमा के साथ गाने का निर्णय करता है।
यहीं से कहानी नया मोड़ लेती है। उमा शास्त्रीय संगीत में निपुण है तथा अधिक प्रतिभाशाली होने के कारण उसकी लोकप्रियता तथा मांग सुबीर से अधिक बढ़ने लगती है, पुरुष का अहम् चोटिल होता है स्थिति यहाँ तक पहुँचती है कि जया अवसादग्रस्त हो अपने गाँव लौट आती है तथा अपने गर्भस्थ शिशु को भी खो देती है। अंतत सुखांत फिल्म में नायक नायिका का मधुर मिलन होता है और दोनों के युगल गीत के साथ फिल्म का समापन होता है।
अभिनय
फिल्म में जया का अभिनय तो संवेदनशील भोली लडकी, समर्पित व विरहग्रस्त गृहणी के रूप में प्रशंसनीय है ही, अमिताभ ने भी अपने किरदार को जीवंत बनाया है। असरानी का हास्य, दुर्गा खोटे, हंगल, डेविड सभी ने अपनी भूमिका से न्याय किया है। बिन्दु ने अपनी पूर्व भूमिकाओं से अलग भूमिका निभायी है। मनोहर कामत, ललिता कुमारी व मास्टर राजू की संक्षिप्त भूमिकायें यथायोग्य हैं।
फिल्म के सभी प्रमुख गीत
गीत | गायक | समय |
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मीत ना मिला रे मन का | किशोर कुमार | 4:56 |
नदिया किनारे | लता मंगेशकर | 4:05 |
तेरी बिंदिया रे | लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी | 4:32 |
लूटे कोई मन का नगर | लता मंगेशकर, मनहर उधास | 3:04 |
अब तो है तुमसे हर ख़ुशी अपनी | लता मंगेशकर | 4:25 |
पिया बिना पिया बिना | लता मंगेशकर | 4:12 |
तेरे मेरे मिलन की ये रैना | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 5:49 |
हलके -फुल्के हास्य से युक्त यह फिल्म ऋषिकेश मुखर्जी की यह फिल्म सर्वकालिक फिल्म कही जा सकती है|
रोचक बातें
- इस फिल्म में जया को अपने श्रेष्ठ अभिनय के लिए प्रतिष्ठित फिल्म्फयेर पुरूस्कार मिला था।
- बिंदु भी अपनी पूर्व छवि से अलग भूमिका कुशलता से निभाने के कारण अन्य भूमिकाओं में इस फिल्म के बाद आयीं।
- अमिताभ व जया इस फिल्म के दौरान ही पति -पत्नी के रिश्ते में बंधे।
- जया ने इस फिल्म के बाद बहुत लम्बे समय तक किसी फिल्म में काम नहीं किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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