मेवाड़ के लोक संस्कार
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मेवाड़ अपने प्रारम्भिक समय से ही सामाजिक एवं धार्मिक रूढ़ियों में जकड़ा रहा था। इन रूढ़ियों ने कई सामाजिक-धार्मिक संस्कारों को जन्म दिया तथा उन्हें समाज में एक स्थान दिया। यहाँ प्रचलित सोलह संस्कारों में से कुछ संस्कार निम्नलिखित थे-
उपरोक्त संस्कारों में विवाह तथा मृतक संस्कार सामाजिक जीवन के अभिन्न अंग थे। अन्य संस्कारों का समाज पर उतना प्रभाव नहीं था। परन्तु 19वीं सदी के उपरान्त धीरे-धीरे संस्कारों का वैदिक स्वरूप लोक संस्कारों में परिवर्तित होने लगा था तथा लम्बे समय तक व्यवहार में आते-आते धार्मिक प्रथाओं का रूप ग्रहण कर चुका था।
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