बड़ा तालाब, भोपाल
बड़ा तालाब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के मध्य में स्थित मानव निर्मित एक झील है। इस तालाब का निर्माण 11वीं सदी में किया गया था। भोपाल में एक कहावत है- "तालों में ताल भोपाल का ताल बाकी सब तलैया", अर्थात "यदि सही अर्थों में तालाब कोई है तो वह है भोपाल का तालाब"। भोपाल की यह विशालकाय जल संरचना अंग्रेज़ी में 'अपर लेक' कहलाती है। इसी को हिन्दी में 'बड़ा तालाब' कहा जाता है। इसे एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील भी माना जाता है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पश्चिमी हिस्से में स्थित यह तालाब भोपाल के निवासियों के पीने के पानी का सबसे मुख्य स्रोत है।
निर्माण
भोपाल के 'बड़े तालाब' का निर्माण 11वीं सदी में परमार वंश के राजा भोज ने करवाया था। इस तालाब के निर्माण के बारे में कई किंवदंतियाँ भी है। भोपाल तालाब का कुल भराव क्षेत्रफल 31 किलोमीटर है, पर अतिक्रमण एवं सूखे के कारण यह क्षेत्र 8-9 किलोमीटर में ही सिमट कर रह गया है। भोपाल की लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या को यह झीलनुमा तालाब लगभग तीस मिलियन गैलन पानी रोज देता है। इस बड़े तालाब के साथ ही एक 'छोटा तालाब' भी यहाँ मौजूद है और यह दोनों जल क्षेत्र मिलकर एक विशाल 'भोज वेटलैण्ड' का निर्माण करते हैं, जो कि अन्तर्राष्ट्रीय रामसर सम्मेलन के घोषणा पत्र में संरक्षण की संकल्पना हेतु शामिल है।
भौगोलिक स्थिति
'बड़ा तालाब' के पूर्वी छोर पर भोपाल शहर बसा हुआ है, जबकि इसके दक्षिण में 'वन विहार राष्ट्रीय उद्यान' स्थित है। तालाब के पश्चिमी और उत्तरी छोर पर कुछ मानवीय बस्तियाँ हैं, जिसमें से अधिकतर इलाका कृषि वाला है। इस झील का कुल क्षेत्रफ़ल 31 वर्ग किलोमीटर है और इसमें लगभग 361 वर्ग किलोमीटर इलाके से पानी एकत्रित किया जाता है। इस तालाब से लगने वाला अधिकतर हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र है, लेकिन अब समय के साथ कुछ शहरी इलाके भी इसके नज़दीक बस चुके हैं। कोलास नदी, जो कि पहले हलाली नदी की एक सहायक नदी थी, लेकिन एक बाँध तथा एक नहर के जरिये कोलास नदी और बड़े तालाब का अतिरिक्त पानी अब कलियासोत नदी में चला जाता है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भोपाल का बड़ा तालाब (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 19 जुलाई, 2013।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख