प्रथम पंचवर्षीय योजना
प्रथम पंचवर्षीय योजना
| |
विवरण | यह भारत की राष्ट्रीय योजना है जो प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में योजना आयोग द्वारा विकसित और कार्यान्वित होती है। |
शुरुआत | 8 दिसंबर, 1951 |
कार्यकाल | वर्ष 1951 से 1956 तक |
अध्यक्ष | जवाहरलाल नेहरू |
उपाध्यक्ष | गुलज़ारीलाल नन्दा |
योजना आकार | 2069 करोड़ |
विकास लक्ष्य | सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लक्ष्य 2.1 फ़ीसदी निर्धारित किया गया था। |
वास्तविक | 3.0 फ़ीसदी |
अन्य जानकारी | इस परियोजना में कृषि क्षेत्र पर विशेष ज़ोर दिया गया क्योंकि उस दौरान खाद्यान्न की कमी गंभीर चिंता का विषय थी। |
भारत में 'प्रथम पंचवर्षीय योजना' 1951 में शुरू की गयी। प्रथम पंचवर्षीय योजना का कार्यकाल 1951 से 1956 तक था।
शुरुआत
आज़ादी के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने समाजवादी आर्थिक मॉडल को आगे बढ़ाया। जवाहरलाल नेहरू ने अनेक महत्वपूर्ण आर्थिक निर्णय लिए जिनमें पंचवर्षीय योजना की शुरुआत भी थी। सन् 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना की नींव डाली गई और योजना आयोग का गठन किया। जवाहरलाल नेहरू ने 8 दिसंबर, 1951 को संसद में पहली पंचवर्षीय योजना को पेश किया था और उन्होंने उस समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लक्ष्य 2.1 फ़ीसदी निर्धारित किया था। इस परियोजना में कृषि क्षेत्र पर विशेष ज़ोर दिया गया क्योंकि उस दौरान खाद्यान्न की कमी गंभीर चिंता का विषय थी। इसी पंचवर्षीय योजना के दौरान पाँच इस्पात संयंत्रों की नींव रखी गई। अधिकतर पंचवर्षीय योजनाओं में किसी न किसी क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई।[1]
लक्ष्य
पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य थे -
- शरणार्थियों का पुनर्वास
- खाद्यान्नों के मामले में कम से कम सम्भव अवधि में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण करना।
- इसके साथ- साथ इस योजना में सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया आरम्भ की गयी, जिससे राष्ट्रीय आय के लगातार बढ़ने का आश्वासन दिया जा सके।
- इस योजना में कृषि को प्राथमिकता दी गयी।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पंचवर्षीय योजना (हिंदी) बीबीसी हिंदी। अभिगमन तिथि: 16 दिसम्बर, 2013।
संबंधित लेख