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सचिन पायलट
सचिन पायलट
पूरा नाम सचिन पायलट
जन्म 7 सितंबर, 1977
जन्म भूमि सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
अभिभावक पिता-राजेश पायलट
पति/पत्नी सारा पायलट
संतान दो पुत्र- आरण और विहान
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनेता
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पद केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार
कार्य काल 28 अक्टूबर 2012 - 17 मई 2014
शिक्षा एम. बी. ए
विद्यालय एयर फोर्स बाल भारती स्कूल नयी दिल्ली, सेंट स्टीफेंस महाविद्यालय, व्हॉर्टन स्कूल पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय अमेरिका
संबंधित लेख जम्मू-कश्मीर, संसद, पंद्रहवीं लोकसभा
चुनाव क्षेत्र अजमेर, राजस्थान
अन्य जानकारी सचिन पायलट चौदहवीं लोकसभा में जी हासिल करके 26 साल की उम्र में भारतीय सांसद बनने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे।
अद्यतन‎

सचिन पायलट (अंग्रेज़ी: Sachin Pilot, जन्म 7 सितंबर 1977; सहारनपुर, उत्तर प्रदेश) राजनीतिज्ञ और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सदस्य हैं। पंद्रहवीं लोकसभा में भारतीय संसद के सदस्य के रूप में राजस्थान के अजमेर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। ये राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री रहे। इनको भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री बनाया गया। इन्होंने चौदहवीं लोकसभा में राजस्थान के दौसा लोकसभा क्षेत्र का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से प्रतिनिधित्व किया।

परिचय

सचिन पायलट का जन्म 7 सितंबर 1977 को सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में गुज्जर समुदाय से हुआ था। इनके पिता स्वर्गीय राजेश पायलट थे। इनके पिता कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक थे। इनकी प्रारंभिक शिक्षा एयर फोर्स बाल भारती स्कूल, नयी दिल्ली में हुई। इन्होंने अपने स्नातक की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस महाविद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद इन्होंने अमेरिका में स्थित पेंसिलवानिया विश्वविद्यालय के व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए की डिग्री प्राप्त की।

वैवाहिक स्थिती

सचिन पायलट का विवाह सारा अब्दुल्ला के साथ 15 जनवरी 2004 में हुआ, जो कश्मीरी नेता फारूक अब्दुल्ला की सुपुत्री हैं। फारूक अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस और पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर थे। सचिन के दो बेटे हैं। वर्तमान में सचिन और सारा गाजियाबाद में रहते हैं।

राजनीतिक कॅरियर

सचिन पायलट भारत लौटकर 2002 में अपने 10 फ़रवरी को सचिन कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। इस अवसर पर एक बडे़ किसान सभा का आयोजन भी किया गया। पायलट 13 मई 2004 को चौदहवीं लोकसभा के लिए दौसा लोकसभा क्षेत्र से चुने गये, जिसमें उन्होंने अपने निकटतम विपक्षी को 1.2 लाख मतों से हराया। 26 साल की उम्र में ये भारतीय सांसद बनने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे। पायलट केंद्र सरकार के गृह विभाग के स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य एवं नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं।



सुनील शास्त्री

सुनील शास्त्री ([[अंग्रेज़ी: Sunil Shastri जन्म- 13 फ़रवरी, 1950) भारत के द्वितीय प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र हैं, जो कि राजनेता के साथ कवि और लेखक भी हैं। शास्त्री राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय देश की चर्चित हस्तियों में से एक हैं। ये हाल में ही वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रभावित होकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं। बीजेपी में शामिल होते ही ये पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य रहे और बाद में महासचिव और पार्टी प्रवक्ता बनाये गए।

परिचय

सुनील शास्त्री का जन्म 13 फ़रवरी 1950 को हुआ था। इनके पिता भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे। इन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सेंट कोलंबस स्कूल दिल्ली से पूर्ण की और आगे पढ़ाई करने दिल्ली यूनिवर्सिटी में गए। इनका विवाह जयपुर में रहने वाली मीरा शास्त्री से हुआ। इन दोनों के तीन बेटे हैं- विनम्र, वैभव और विभोर।

राजनीतिक कॅरियर

सुनील राजनीति में शामिल होने से पहले वे बैंक ऑफ़ इंडिया में प्रबंधक थे। 1980 में राजनीति में कदम रखने वाले सुनील शास्त्री उत्तर प्रदेश की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। कैरियर के शुरुआती दिनों से ही उनकी सामाजिक कार्यों में रुचि है। खासतौर पर गरीब एवं पिछड़े समुदाय के लोगों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए हमेशा तत्पर रहे हैं। गरीबों एवं हाशिए पर पड़े वंचितों को स्वर देने के लिए ही इन्होंने जनवरी 2011 में ‘लीगेसी इंडिया’ नामक पत्रिका शुरू की।

जब केन्द्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी थी उस समय ये काँग्रेस से त्याग पत्र देकर भारतीय जनता पार्टी में आ गये थे। वाजपेयी ने इन्हें केन्द्रीय कार्यकारिणी में संगठन का कार्य दिया। जब नरेन्द्र मोदी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव थे तो शास्त्री भी उनके साथ थे। बाद में जब अटल जी की सरकार चुनाव हार गयी और अटल जी का राजनीति में हस्तक्षेप कम हो गया सुनील शास्त्री ने भाजपा में उपेक्षित अनुभव करते हुए लालकृष्ण अडवाणी को अपना इस्तीफा सौंप दिया और काँग्रेस में चले गये। वहाँ भी उन्हें कोई खास जिम्मेदारी नहीं दी गयी। वे अपने स्वभाव के कारण परिस्थितियो से समझौता न कर सके और जब भारतीय जनता पार्टी ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमन्त्री पद का प्रत्याशी घोषित किया तो सुनील शास्त्री फिर से भाजपा में वापस आ गये।

लेखक

सत्यनिष्‍ठा, शुचिता और ईमानदारी जैसे मूल्यों का पालन करने वाले सुनील शास्‍‍त्री न केवल एक लेखक हैं, बल्कि उनमें एक संवेदनशील कवि भी छिपा हुआ है। संगीत के प्रति भी उनका खासा लगाव है। एक ओर वे बच्चों के लिए लिखते हैं, तो दूसरी ओर विभिन्न मुद‍्दों पर गंभीर चिंतन आधारित लेख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं। उन्हें कविता, संगीत और सामाजिक कार्यों से विशेष लगाव है। सामाजिक-आर्थिक बदलाव पर अपने विचारों को वे पत्र-पत्रिकाओं में व्यक्त करते रहते हैं। इन्होंने अपने पिता के जीवन पर आधारित एक पुस्तक हिन्दी में लिखी है जिसका अंग्रेजी अनुवाद भी प्रकाशित हो चुका है।

  • लालबहादुर शास्त्री: मेरे बाबूजी
  • Lal Bahadur Shastri: Past Forward- लालबहादुर शास्त्री: मेरे बाबूजी का अंग्रेज़ी अनुवाद है।