जिप्सम

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जिप्सम

जिप्सम एक खनिज है। रासायनिक संरचना की दृष्टि से यह कैल्सियम का सल्फेट है, जिसमें जल के भी दो अणु रहते हैं। अमोनियम सल्फेट रासायनिक उर्वरक, सीमेण्ट, गन्धक आदि के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले खनिज जिप्सम की प्राप्ति कैल्शियम सल्फेट के रूप में ऊसर भूमियों एंव शुष्क क्षेत्रों में अवसादी चट्टानों से होती है।

उत्पादन

जिप्सम का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में (90 प्रतिशत ) में किया जाता है। यहाँ बीकानेर[1], जोधपुर[2], नागौर[3], जैसलमेर[4] एवं बाड़मेर ज़िलों में जिप्सम पाया जाता हे।

प्राप्ति स्थान

तमिलनाडु राज्य के कोयम्बटूर, रामनाथपुरम, तिरूनेलवेल्ली, चिंगलपट आदि ज़िलों तथा पुलिकट झील के उत्तरी भाग में सागरीय चीका मिट्टी से जिप्सम प्राप्त किया जाता है।

उपर्युक्त राज्यों के अतिरिक्त उत्तराखंड[5] गुजरात[6], महाराष्ट्र[7], हिमाचल प्रदेश[8], जम्मू कश्मीर[9] तथा भूटान की कांगड़ा-चू-घाटी में भी अभ्रक की कुछ प्राप्ति हो जाती है। जिप्सम का प्रतिलक्ष्य अनुमानित भंडार 23.90 करोड़ टन है। इसमें 70,000 टन सर्जिकल प्लास्टर श्रेणी का, 3.90 करोड़ टन उर्वरक/चीनी मिट्टी स्तर का, 3.86 करोड़ टन सीमेंट/पेंट स्तर का, 40 लाख टन भूमि सुधार स्तर का और शेष गैर-वर्गीकृत किस्म का है। 2006-07 के दौरान देश में कुल 20.07 लाख टन जिप्सम का उत्पादन हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. धेन्याढेर, कायमवाला ढेर, करनाढेर, कबरावालाढेर, पूगल, नौशेरा आदि क्षेत्र
  2. धकोरिया के समीप
  3. फिलनबासी, बदबासी, खौतानी आदि क्षेत्र
  4. हमीरवाटी नदी, मोहनगढ़ तथा लखारेर क्षेत्र
  5. गढ़वाल-खरारी घाटी, सेग, लक्ष्मण, झूलाक्षेत्र, देहरादून, नैनीताल ज़िले
  6. सौराष्ट्र क्षेत्र का हलार ज़िला, भावनगर, पोरबन्दर आदि
  7. रत्नागिरि
  8. कोरगा, भारली तथा शलकाट क्षेत्र
  9. डोडा ज़िले की उड़ी, स्वाति एवं कन्नौर क्षेत्र

बाहरी कड़ियाँ

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