जो बड़ेन को लघु कहै -रहीम
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जो बड़ेन को लघु कहै, नहिं ‘रहीम’ घटि जाहिं ।
गिरिधर मुरलीधर कहे, कछु दुख मानत नाहिं ॥
- अर्थ
बड़े को यदि कोई छोटा कह दे, तो उसका बड़प्पन कम नहीं हो जाता। गिरिधर श्रीकृष्ण 'मुरलीधर' कहने पर कहाँ बुरा मानते हैं ?
रहीम के दोहे |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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