प्रयोग:कविता2
राहुल बजाज (अंग्रेजी: Rhaul Bajaj जन्म: 10 जून, 1938) भारत के सबसे सफल उद्योगपतियों में से एक हैं। वह बजाज समूह के अध्यक्ष हैं जिसे भारत और विदेशों में विनिर्मित उत्पादों और वित्तीय सेवाओं को प्रदान करने के लिए जाना जाता है। बजाज समूह का व्यवसाय दुपहिया वाहन, घरेलू उपकरणों, इलेक्ट्रिक लैम्प, पवन ऊर्जा, विशेष मिश्र धातु और स्टेनलेस स्टील, फोर्जिंग, बुनियादी ढांचे के विकास, सामग्री हैंडलिंग उपकरणों, यात्रा, जनरल और जीवन बीमा और निवेश में वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है।
जीवन परिचय
राहुल बजाज का जन्म 10 जून 1938 को बंगाल प्रेसीडेंसी में हुआ था। बजाज व्यवसायिक घराने की नीव राहुल के दादा जमना लाल बजाज ने रखी थी। आने वाली पीढ़ियों ने बजाज घराने के व्यवसाय को आगे बढ़ाया। राहुल ने कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) डिग्री और बंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली है और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए हैं।
कॅरियर
राहुल बजाज ने सन 1965 में बजाज समूह की बागडोर संभाली। उनके कुशल नेतृत्व में कंपनी ने लाइसेंस-राज जैसे कठिन समय में भी सफलता के नयी बुलंदियों को छुआ। सन 1980 के दशक में बजाज दो पहिया स्कूटरों का शीर्ष निर्माता था। समूह के ‘चेतक’ ब्रांड स्कूटर की मांग इतनी ज्यादा थी की इसके लिए 10 साल तक का वेटिंग-पीरियड था। राहुल कई कंपनियों के बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। आर्थिक क्षेत्र और उद्योग दुनिया में उनके योगदान के लिए उन्हें भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा (2006-2010) के लिए चुना गया। उनको आईआईटी रुड़की सहित 7 विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई है।
1990 के दशक में भारत में उदारीकरण के दौर की शुरुआत हुई। यह समय बजाज ऑटो के लिए बड़ी चुनौतियाँ लेकर आया। उदारीकरण सस्ते आयात और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) जैसे अहम चनौतियां लाया जिसके फलस्वरूप राहुल बजाज ने उदारीकरण का विरोध किया। स्कूटरों की बिक्री गिरने लगी क्योंकि लोग मोटरसाइकिलों में अधिक रुचि दिखाने लगे और प्रतिद्वंद्वी हीरो होंडा को इसका पूरा फायदा मिला।
सन 1979-1980 से लेकर सन 1999-2000 तक राहुल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के अध्यक्ष रहे। वे सोसाइटी ऑफ़ इंडियन इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) और महरत्ता चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष रहे। इसके साथ-साथ राहुल ऑटोमोबाइल और संबद्ध उद्योगों के विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे। उन्हें सन 1986 से लेकर 1989 तक भारत सरकार द्वारा इंडियन एयरलाइंस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। भारत के राष्ट्रपति ने उनको 2003 से लेकर 2006 तक ‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बॉम्बे’ के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स का अध्यक्ष बनाया। वे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परिषद जिनेवा के आर्थिक मंच के पूर्व अध्यक्ष और सदस्य हैं और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल की वैश्विक सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं। राहुल ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन, वाशिंगटन डीसी, के अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के एक सदस्य है और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के कार्यकारी बोर्ड के एक सदस्य भी हैं। बजाज समूह के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) के तहत भी राहुल बजाज का बहुत बड़ा योगदान है। इसके अंतर्गत जमनालाल बजाज फाउंडेशन और शिक्षा मंडल और अनेक सामाजिक संगठन जैसे भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट और रूबी हॉल क्लिनिक (पुणे में एक बड़े अस्पताल) जैसे संगठनों को चलाया जाता है।
पुरस्कार और सम्मान
आर्थिक और व्यापर के क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान को देखते हुए, राहुल को अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
- सन 2001 में भारत सरकार द्वारा ‘पद्म भूषण’ प्रदान किया
- हार्वर्ड बिजनेस स्कूल द्वारा अलुमिनी (पूर्व छात्रों) अचीवमेंट पुरस्कार प्राप्त हुआ
- नवभारत टाइम्स, अर्न्स्ट एंड यंग और सीएनबीसी टीवी 18 द्वारा “लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार” से नवाजा गया
- फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति द्वारा “नाइट इन द आर्डर ऑफ़ द लीजन ऑफ़ ऑनर” नियुक्त किया गया
- भारत सरकार ने राहुल बजाज को 1975 से लेकर 1977 तक ऑटोमोबाइल और संबद्ध उद्योगों के विकास परिषद का अध्यक्ष बनाया
- सन 1975 में उन्हें राष्ट्रीय गुणवत्ता एश्योरेंस संस्थान द्वारा ‘मैन ऑफ़ द ईयर” के पुरस्कार से सम्मानित किया गया
- सन 1990 में प्रबंधन के क्षेत्र में सबसे विशिष्ट सेवाओं के लिए उन्हें बॉम्बे मैनेजमेंट एसोसिएशन पुरस्कार प्राप्त किया
- प्रिंस ऑफ़ वेल्स ने उन्हें “प्रिंस ऑफ़ वेल्स इंटरनेशनल बिज़नेस लीडर्स फोरम” का सदस्य फरवरी 1992 में बनाया।
- FIE फाउंडेशन ने उन्हें साल 1996 में राष्ट्र भूषण सम्मान से पुरष्कृत किया।
- लोकमान्य तिलक स्मारक ट्रस्ट ने सन 2000 में श्री बजाज को तिलक पुरस्कार से सम्मानित किया।