बिन्देश्वरी दुबे
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बिन्देश्वरी दुबे (अंग्रेज़ी: Bindeshwari Dubey, जन्म- 14 जनवरी, 1921; मृत्यु- 20 जनवरी, 1993) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ तथा बिहार के मुख्यमंत्री थे। वह 12 मार्च 1985 से 13 फ़रवरी 1988 बिहार के मुख्यमंत्री रहे। बिन्देश्वरी दुबे इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष आदि भी रहे। इससे पूर्व वह अखंड बिहार सरकार में शिक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रहे। 1980 से 1984 तक बिन्देश्वरी दुबे सातवीं लोकसभा के सदस्य, 1988 से 1993 तक राज्यसभा के सदस्य तथा छह बार विधान सभा के सदस्य रहे।
- बिन्देश्वरी दुबे ने जिस समय मुख्यमंत्री का कार्यभार अंगीकृत किया, उस समय बिहार देश के सर्वाधिक पिछड़े राज्यों में एक था।
- उनका नाम कृष्ण सिंह एवं नितीश कुमार के साथ बिहार के श्रेष्ठ मुख्यमंत्रियों में लिया जाता है।
- दूबे सरकार ने 1985-88 के लगभग तीन साल के अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान अनेकों कीर्तिमान बनाए जो न सिर्फ़ अपने समय तक सर्वोच्च रहे बल्कि कुछ तो आगे के बीसों साल तक तोड़े न जा सके और कुछ तो आज तक के सर्वोच्च हैं।
- बिन्देश्वरी दूबे ने स्वतंत्रता आंदोलन के ही दौरान 1944 में जेल से छूटने के बाद अपनी आजीविका के लिए दक्षिण बिहार के बेरमो में चंचनी और थापर जैसी कोलियरियों में नौकरी कर ली। वे कोलियरियों में मजदूरों के शोषण के खिलाफ आवाज़ प्रबंधन के समक्ष उठाने लगे। कुछ समय के पश्चात् उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी।
- सर्वप्रथम् उन्होंने ट्रेड यूनियन ऐक्टिविटी एक ब्रिटिश मैनेजर द्वारा चलाई जा रही 'सर लिन्सन पैकिन्सन ऐन्ड कं.' से शुरू की। तत्पश्चात बिन्देश्वरी सिंह ने उन्हें कोलियरी मजदूर संघ की ढोरी शाखा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया।
- सन 1951 में उन्हें इंटक से संबद्ध कोलियरी मजदूर संघ का राष्ट्रीय संगठन मंत्री बनाया गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |