सुधाकरराव नाईक
सुधाकरराव राजूसिंग नाईक (अंग्रेज़ी: Sudhakarrao Rajusing Naik, जन्म- 21 अगस्त, 1934; मृत्यु- 10 मई, 2001, हैदराबाद) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ थे। वे 25 जून, 1991 से 22 फ़रवरी, 1993 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। शरद पवार, जो सुधाकरराव नाईक से पहले मुख्यमंत्री थे, अब केंद्रीय रक्षा मंत्री बन गए थे। लेकिन 1992-1993 के मुम्बई दंगों कि बाद प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने शरद पवार को वापिस मुख्यमंत्री बनाया। इन दंगों को संभालने में असफल होने के कारण सुधाकरराव नाईक को उनके पद से इस्तीफा देना पड़ा था। सुधाकरराव नाईक ने 30 जुलाई, 1994 से 17 सितम्बर, 1995 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में सेवा की।
महाराष्ट्र की राजनीति में वसंतराव फुलसिंग नाईक वह नाम है, जिसका रिकॉर्ड आज तक किसी ने नहीं तोड़ा है। एक ऐसा नेता जिन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में 1963 से 1975 तक बतौर मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। वसंतराव नाईक महाराष्ट्र के सीएम पद पर सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री रहे हैं। नाईक का रिकॉर्ड आज भी बरकरार है। इसके साथ ही नाईक पूरे पांच साल पूरे करने के बाद फिर से सत्ता में वापसी करने वाले भी अब तक के इकलौते सीएम रहे हैं। अगर मौजूदा सीएम देवेंद्र फडणवीस के कुछ घंटों का कार्यकाल छोड़ दें तो। वसंतराव नाईक को "महाराष्ट्र में हरित क्रांति का जनक" भी माना जाता है।[1]
वसंतराव नाईक का 18 अगस्त, 1979 को सिंगापुर में निधन हो गया। उनके निधन के बाद उनके भतीजे सुधाकरराव नाईक भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने। सुधाकरराव नाईक 25 जून 1991 से 22 फ़रवरी 1993 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। महाराष्ट्र में मौजूदा घटनाक्रम के गवाह और एक अभिन्न पात्र शरद पवार ही सुधाकरराव नाईक से पहले महाराष्ट्र के सीएम थे और नाईक के हटने के बाद भी दोबारा से सीएम बने। शरद पवार नाईक के सीएम बनने के बाद केंद्र में रक्षा मंत्री बन गए थे। लेकिन, 1992-1993 के बम्बई दंगों के बाद उस समय के मौजूदा प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव ने शरद पवार को फिर से महाराष्ट्र का सीएम बनाया था। बम्बई दंगों को संभालने में असफल होने के कारण ही नाईक को उनके पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में सुधाकरराव नाईक को 30 जुलाई, 1994 को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था। नाईक ने 17 सितंबर, 1995 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में सेवा की।
सुधाकरराव नाईक ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत सरपंच के रूप में की। वह 1978, 1980, 1985, 1990 और 1999 के चुनावों में 5 बार पुसाद विधानसभा क्षेत्र से चुने गए।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाराष्ट्र के एक और चाचा-भतीजे की कहानी, जो CM भी बने और बनाए कई रिकॉर्ड्स भी (हिंदी) hindi.news18.com। अभिगमन तिथि: 29 जुलाई, 2020।
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