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ज्योति प्रसाद राजखोवा सन 1968 बैच के सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। उन्होंने असम के मुख्य सचिव के रूप में अपना कॅरियर समाप्त किया।
नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी), नई दिल्ली, भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम में प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए ज्योति प्रसाद राजखोवा ने "क्या करें और क्या न करें" के प्रकाशन का मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण किया। वह संपादकीय बोर्ड के अध्यक्ष भी थे।
ज्योति प्रसाद राजखोवा का वह प्रमुख कार्य, जिसने उन्हें इतिहासकारों, विद्वानों, बुद्धिजीवियों, सैन्य विशेषज्ञों और सामान्य पाठकों से प्रशंसा दिलाई, वह है 'जनरलिसिमो चिलाराय और उनका समय' यह महान कोच राजा चिलाराय पर एक ऐतिहासिक जीवनी है।