फुरहरी
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हिन्दी | फुर-फुर ध्वनि, पक्षियों के फड़फड़ाने से उत्पन्न धवनि, भय या ठंड आदि के कारण उत्पन्न कँपकँपी, थरथराहट, सींक का टुकड़ा या छोटी तीली जिसके सिर पर ज़रा-सी रुई लपेटी गयी हो और उसे तेल या ओषधि आदि में डुबाकर काम में लिया जाए। |
-व्याकरण | स्त्रीलिंग |
-उदाहरण | |
-विशेष | |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | ठिठुरन, भय कंपन, सिहरन, थरथरी, थरार्हट, दहल आदि। |
संस्कृत | |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | फुनगी |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ