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इसी क्षेत्र में लीला पुरूषोत्तम भगवान श्रीकृष्णचन्द्र ने यदु वंश का संहार कराने के बाद अपनी नर लीला समाप्त कर ली थीं।
प्राचीन भारतीय इतिहास और आधुनिक भारत के इतिहास में भी सोमनाथ-मन्दिर को सन 1024 में महमूद ग़ज़नवी ने भ्रष्ट कर दिया था। मूर्ति भंजक (मूर्ति का तोड़ने वाला व मूर्तिपूजा विरोधी) होने के कारण तथा सोने-चाँदी को लूटने के लिए उसने मन्दिर में तोड़-फोड़ की थी। .... और पढ़ें