मुम्बई की संस्कृति

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फ़्लोरा फ़ाउंटेन, मुम्बई
Flora Fountain, Mumbai

मुम्बई का सांस्कृतिक जीवन इसकी जातीय विविधतायुक्त जनसंख्या को प्रतिबिम्बित करता है। शहर में बहुत से संग्रहालय, पुस्तकालय, साहित्यिक एवं कई अन्य सांस्कृतिक संस्थान, कला, दीर्घाएँ व रंगशालाएँ हैं। भारत का कोई अन्य शहर अपनी सांस्कृतिक एवं मनोरंजन सुविधाओं के मामले में इतनी उच्च श्रेणी की विविधता और गुणवत्ता का शायद ही दावा कर सके। मुम्बई भारतीय फ़िल्म उद्योग का गढ़ है। साल भर यहाँ पश्चिमी व भारतीय संगीत सम्मेलन एवं महोत्सव और भारतीय नृत्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इंडो—सार्सेनिक वास्तुशिल्प की एक इमारत में द प्रिंस आफ़ वेल्स म्यूज़ियम आफ़ वेस्टर्न इंडिया है, जिसमें कला, पुरातत्त्व व प्राकृतिक इतिहास के तीन प्रमुख विभाग हैं। निकट ही जहाँगीर आर्ट गैलरी है, जो मुम्बई की पहली स्थायी कला दीर्घा है और सांस्कृतिक व शैक्षिक गतिविधियों का केन्द्र है। मुम्बई भारतीय मुद्रण उद्योग का महत्त्वपूर्ण केन्द्र है और यहाँ सशक्त प्रेस है। यहाँ अंग्रेज़ी, मराठी, हिन्दी, गुजराती, सिन्धीउर्दू में समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं। बहुत-सी मासिक, पाक्षिक व साप्ताहिक पत्रिकाएँ भी यहाँ से प्रकाशित होती हैं। आल-इंडिया रेडियो (आकाशवाणी) का क्षेत्रीय केन्द्र भी मुम्बई में ही है और इस शहर के लिए दूरदर्शन सेवाएँ 1972 में शुरू हुईं। शहर के उत्तर में कृष्णगिरि वन एक राष्ट्रीय उद्यान और छुट्टियाँ बिताने के लिए ख़ूबसूरत सैरगाह है, कन्हेरी गुफ़ाओं के निकट एक प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय था, यहाँ 100 से अधिक गुफ़ाओं में दूसरी से नौवीं शताब्दी तक के विशालकाय बौद्ध मूर्तिशिल्प हैं। यहाँ पर कई सार्वजनिक उद्यान हैं। जिसमें जीजामाता उद्यान शामिल है, यहाँ पर मुम्बई का चिड़ियाघर स्थित है, यहाँ पर बैपटिस्टा गार्डन भी है, जो मज़गाँव में एक जलाशय पर स्थित है; इसके अलावा मालाबार हिल पर स्थित फ़िरोज़शाह मेहता गार्डन, कमला नेहरू पार्क व स्लोपिंग पार्क हैं। समूचे भारत में लोकप्रिय क्रिक्रेट के मैच भारतीय क्रिकेट क्लव (ब्रेबोर्न स्टेडियम) और वानखेड़े स्टेडियम में खेले जाते हैं। दौड़ व साइकिल चालन प्रतियोगिताएँ वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम में आयोजित की जाती है। स्नान व तैराकी के लिए जुहू समुद्र तट एक प्रसिद्ध स्थान है।

जनजीवन

1940 के दशक से मुम्बई का विकास असाधारण तो नहीं, लेकिन एक समान रहा है। 20वीं सदी की शुरूआत में यहाँ की जनसंख्या 8 लाख 50 हज़ार थी। 1941 में यह दुगुनी होकर 16 लाख 95 हज़ार हो गई है। परिवार नियोजन कार्यक्रमों के कारण इस शहर में जन्मदर देश के अन्य हिस्सों से काफ़ी कम है और जनसंख्या विकास की ऊँची दर का मुख्य कारण रोज़गार की खोज में यहाँ आने वाले लोग हैं।

भोजन

मुम्बई में कोलाबा बड़े मियां, मुसाफिर खानं गुलशन-ए-ईरान, हाजी अली जूस सेंटर, शिव सागर जूहू स्थित है। यह सब अरबन तड़का के लिए प्रसिद्ध है। चॉकलेट चाय के लिए दादर स्थित पश्चिम स्टेशन जा सकते हैं। जबकि पानी पूरी के लिए बांद्रा के कराची स्वीट जाया जा सकता है। गर्म पोहा और साबूदाना वड़ा के लिए महापालिका मार्ग जा सकते हैं। होर्नीमन सर्कल के नजदीक अपूर्वा में मंगलोरियन सीफ्रूड का मजा ले सकते हैं। भिंडी बाज़ार और नूर मोहम्मदी में रमजान के महीने में यहां सड़क किनारे लगने वाली रेहड़ी से फिरनी और मालपुआ का स्वाद चख सकते हैं। स्वाति स्नैक्स जो टारडियो मार्ग में स्थित है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

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