कर्नल फ़ेरे
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:11, 17 अगस्त 2011 का अवतरण ('*'''कर्नल फ़ेरे''' बड़ौदा के मल्हार राव के दरबार में ब्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
- कर्नल फ़ेरे बड़ौदा के मल्हार राव के दरबार में ब्रिटिश रेजिडेंट था।
- उसने गायकवाड़ के विरुद्ध कुशासन के कई आरोप लगाए थे।
- एक कमीशन द्वारा इन आरोपों की जाँच किये जाने पर मल्हार राव को फ़ेरे के निर्देशन में प्रशासन में सुधार करने के लिए अठारह महीने का समय दिया गया।
- यह समय प्रशासन में किसी भी प्रकार के सुधार के बिना ही बीत गया।
- 1875 ई. में अंग्रेज़ कर्नल फ़ेरे ने मल्हार राव पर आरोप लगाया कि उसने मुझे ज़हर देकर मारने की कोशिश की है।
- मल्हार राव पर मुक़दमा चलाया गया और अंत में उसे गद्दी से उतार दिया गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 259।