जानत नहिं लगि मैं -बिहारी लाल

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जानत नहिं लगि मैं -बिहारी लाल
बिहारी लाल
बिहारी लाल
कवि बिहारी लाल
जन्म 1595
जन्म स्थान ग्वालियर
मृत्यु 1663
मुख्य रचनाएँ बिहारी सतसई
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
बिहारी लाल की रचनाएँ

जानत नहिं लगि मैं मानिहौं बिलगि कहै

            तुम तौ बधात ही तै वहै नाँध नाध्यौ है।

लीजिये न छेहु निरगुन सौं न होइ नेहु

            परबस देहु गेहु ये ही सुख साँध्यौ है।

गोकुल के लोग पैं गुपाल न बिसार्यौ जाइ

            रावरे कहे तौ क्यौं हूँ जोगो काँध काँध्यौ है।

कीजिए न रारि ऊधौ देखिये विचारि काहु

            हीरा छोड़ि डारि कै कसीरा गाँठि बाँध्यौ है।।







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