बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-2 ब्राह्मण-6

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रेणु (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:04, 5 सितम्बर 2011 का अवतरण
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
  • इस ब्राह्मण में 'मधुकाण्ड' की गुरु-शिष्य परम्परा का वर्णन किया गया है।
  • यहाँ केवल ज्ञान प्राप्त करने वाले ऋषियों की परम्परा का उल्लेख किया गया है।
  • उस सर्वशक्तिमान परमात्मा की जिस-जिस ने अनुभूति की, उसे उसने उसी प्रकार अपने शिष्य को दे दिया।
  • किसी ने भी उस पर एकाधिकार करने का प्रयत्न नहीं किया।
  • इस परम्परा में कतिपय प्रसिद्ध ऋषि गौपवन, कौशिक, गौतम, शाण्डिल्य, पराशर, भारद्वाज, आंगिरस, आथर्वण, अश्विनीकुमार आदि का उल्लेख है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख