मुक़र्रब ख़ाँ (शेख़ हसन)
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मुक़र्रब ख़ाँ मुग़ल बादशाह जहाँगीर का विशेष विश्वासपात्र पदाधिकारी था। इसका मूल नाम 'शेख़ हसन' था।
- 1607 ई. में मुक़र्रब ख़ाँ को शाही दूत के रूप में गोआ के पुर्तग़ालियों के पास भेजा गया।
- इस प्रकार के कार्य का कोई भी परिणाम नहीं निकला।
- इसके उपरान्त मुक़र्रब ख़ाँ की नियुक्ति सूरत के प्रान्तीय शासक के रूप में कर दी गई।
- यहाँ उसने अंग्रेज़ों को पुर्तग़ालियों से युद्ध करने के लिए उत्साहित किया।
- एक बड़े नाविक युद्ध में अंग्रेज़ों ने पुर्तग़ालियों पर विजय प्राप्त कर ली।
- किन्तु स्वयं मुक़र्रब ख़ाँ ने, जिसके पास कोई नौसेना नहीं थी, जब पुर्तग़ालियों से सुलह का प्रस्ताव किया, तब उसे उस समय अत्यधिक अपमान का घूंट पीना पड़ा, जब उन्होंने उसका प्रस्ताव ठुकरा दिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 367 |
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