झूंठ की जमात जुरी -शिवदीन राम जोशी

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शीर्षक उदाहरण 1

===झूंठ की जमात जुरी पाप अधिकारी जहाँ / शिवदीन राम जोशी===Insert non-formatted text here

शीर्षक उदाहरण 3

शीर्षक उदाहरण 4

Insert non-formatted text here झूंठ की जमात जुरी पाप अधिकारी जहाँ,

              महन्त  है  पाखंड  चन्द  टोली घुरावे हैं |

कपट की विभूति लोगन को बांटि-बांटि,

               अकड़-अकड़ बैठे चतुर सभा में कहावें  हैं |

क्रोधिन की कमाना को सफल करत व्यभिचारी,

                असंगत उटपटांग काम अपना  बनावे है |

कहता शिवदीन कलिकाल में प्रपंच फैल्यो,

            ऐसे  जो  असंत  महन्त  मोजां  उड़ावें  हैं |




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