तारा (बालि की पत्नी)

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तारा प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण के अनुसार सुग्रीव के भाई बालि की पत्नी व सुषेण की पुत्री थी। लंका के राजा रावण की भरी सभा अपना पैर गाड़ने वाला अंगद तारा का ही पुत्र था।

  • रामायण में श्रीराम के हाथों बालि का वध हुआ था।
  • बालि की मृत्यु के उपरांत उसकी पत्नी तारा से बालि के छोटे भाई सुग्रीव ने विवाह किया।[1]
  • तारा की गिनती पंचकन्याओं में भी की जाती है-

अहल्या द्रौपदी तारा कुंती मंदोदरी तथा।
पंचकन्या: स्मरेतन्नित्यं महापातकनाशम्॥[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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