सार्जेण्ट योजना

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सार्जेण्ट योजना 1944 ई. में 'केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार मण्डल' ने प्रस्तुत की थी। इस समय अंग्रेज़ अधिकारी 'सार्जेण्ट' ब्रिटिश भारत सरकार में शिक्षा सलाहकार के पद पर नियुक्त था। उसी के नाम से यह 'राष्ट्रीय शिक्षा योजना' प्रस्तुत की गई थी। योजना के अनुसार प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थापित करने तथा छ: से ग्यारह वर्ष के बच्चों को निःशुल्क अनिवार्य शिक्षा दिये जान की व्यवस्था की गई।

  • ग्यारह से सत्रह वर्ष के बच्चों के लिए 6 वर्ष का पाठ्यक्रम बनाया गया।
  • दो प्रकार के उच्च विद्यालय- एक विद्या विषयक और दूसरा तकनीकि एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए योजना में शामिल थे।
  • इस योजना में इण्टरमीडियट श्रेणी को समाप्त करने की व्यवस्था की गई थी।
  • 40 वर्ष के अन्दर ही शिक्षा के पुनर्निमाण कार्य को अन्तिम रूप देना था, किंतु इस समय सीमा को घटाकर 16 वर्ष कर दिया गया।
  • 'सार्जेण्ट योजना' के बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया और इसी के साथ भारतीय शिक्षा में ब्रिटिश काल भी समाप्त हो गया।

इन्हें भी देखें: भारत में शिक्षा का विकास एवं भारत में शिक्षा


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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