जैन अन्नप्राशन संस्कार

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अश्वनी भाटिया (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:41, 2 जून 2010 का अवतरण (Text replace - "{{जैन धर्म}}" to "{{जैन धर्म}} {{जैन धर्म2}}")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
  • यह जैन धर्म का एक संस्कार है।
  • अन्नप्राशन का अर्थ है कि बालक को अन्न खिलाना।
  • इसमें बालक को अन्न खिलाने का शुभारम्भ उस अन्न द्वारा बालक की पुष्टि होने के लिए यह संस्कार किया जाता है।
  • यह संस्कार सातवें, आठवें अथवा नौवें मास में करना चाहिए।