सूबेदार

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सूबेदार मुग़ल कालीन शासन व्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण पद था। तत्कालीन समय में इस पद पर कार्य करने वाला व्यक्ति गवर्नर, सिपहसालार (अकबर के समय में), 'साहिब सूबा' या 'सूबेदार' कहा जाता था। सूबेदार की सरकारी उपाधि ‘नाजिम’ थी। इसकी नियुक्ति सम्राट द्वारा की जाती थी।

सूबेदार के निम्नलिखित प्रमुख कार्य थे-

  1. प्रान्तों में शान्ति स्थापित करना
  2. सम्राट की आज्ञाओं का पालन करवाना
  3. राज्य करों की वसूली में सहायता करना
  • इस तरह यह कहा जा सकता है कि सूबेदार प्रान्तों में सैनिक एवं असैनिक दोनों तरह के कार्यों का संचालन करता था।
  • मुग़ल काल में सूबेदारों को किसी राज्य से संधि करना या सरदारों को मनसब प्रदान करने का अधिकार नहीं था। अपवाद स्वरूप गुजरात के सूबेदार टोडरमल को अकबर ने ये सुविधाएँ दे रखी थीं।
  • सूबेदार के प्रमुख सहायक दीवान, बख़्शी, फ़ौजदार, कोतवाल, क़ाज़ी, सद्र, आमिल वितिकची, पोतदार, वाकियानवीस आदि होते थे।


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