हर उभरी नस मलने का अभ्यास रुक रुककर चलने का अभ्यास छाया में थमने की आदत यह क्यों ? जब देखो दिल में एक जलन उल्टे उल्टे से चाल-चलन सिर से पाँवों तक क्षत-विक्षत यह क्यों? जीवन के दर्शन पर दिन-रात पण्डित विद्वानों जैसी बात लेकिन मूर्खों जैसी हरकत यह क्यों ?