समाचार
नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को समाचार कहते हैं, जिन्हें समाचार पत्र, समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है। इन्हें भी देखें: समाचार 2010, समाचार 2011 एवं समाचार 2012
- हाल ही के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं-
भारतकोश का डोमेन अब हिंदी में भी
- 14 सितम्बर, 2013
बधाई! 14 सितम्बर हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर आपके भारतकोश का प्रक्षेत्र नाम (डोमेन नेम) और यू.आर.एल अंग्रेज़ी के अतिरिक्त अब हिंदी भाषा में भी उपलब्ध है। विचरक (ब्राउज़र) की ऐड्रॅस बार में अब आप 'भारतकोश.com' टाइप करके भी भारतकोश का आनंद ले सकते हैं। यह हिंदी भाषा के प्रचार और प्रसार के लिए एक उत्साहवर्धक क़दम है। उपलब्ध हैं:-
जूनियर महिला हॉकी विश्वकप में कांस्य पदक जीता
- 5 अगस्त, 2013 सोमवार
भारत की जूनियर महिला हॉकी टीम ने जर्मनी में संपन्न हुए विश्वकप में इंग्लैंड को 3-2 (1-1) से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा किया। भारतीय लड़कियों ने रविवार (4 अगस्त, 2013) को तीसरे स्थान के लिए खेले गए प्लेऑफ मुकाबले में इंग्लैंड को पेनाल्टी शूटआउट में हराया। निर्धारित समय तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थीं। इसके बाद मैच का फैसला पेनाल्टी शूटआउट से करने का फैसला किया गया। निर्धारित समय में भारत के लिए रानी ने 13वें मिनट में फील्ड गोल किया जबकि इंग्लैंड की ओर से एना टोमान ने 55वें मिनट में बराबरी का गोल किया। पेनाल्टी शूटआउट में एना टोमान इंग्लैंड की तरफ से पहला गोल चूक गईं, जबकि रानी ने पेनाल्टी शूटआउट पर पहला गोल दागकर भारत को 1-0 से बढ़त दिला दी। पेनाल्टी शूटआउट के पहले छह शॉट तक भारत ने बढ़त बनाए रखी, क्योंकि भारत की नवनीत कौर, वंदना कटारिया और नवजोत कौर और इंग्लैंड की लूसी हाइम्स, शोना मैक्लिन और जो लीफ ने अपने-अपने शॉट मिस कर दिए। आखिरकार एमिली डीफ्रोंड ने इंग्लैंड के लिए गोल कर स्कोर 1-1 से बराबरी पर ला दिया। इसके बाद पूनम रानी द्वारा गोल मिस किए जाने से भारत सडेन डेथ की स्थिति में पहुंच गया।
रानी ने फिर से इस बार भारत को संकट से उबारा और गोल कर भारत को 2-1 से बढ़त दिला दी। एमिली ने फिर से स्कोर को 2-2 कर दिया। इसके बाद भारत की तरफ से पूनम रानी और इंग्लैंड की तरफ से शोना मैक्लिन अपने-अपने गोल चूक गईं। आखिरकार नवनीत कौर ने भारत को 3-2 से बढ़त दिलाई, जबकि इंग्लैंड की एना गोल करने से चूक गईं। इसी के साथ विश्व चैंपियनशिप में भारतीय महिलाओं ने अपना पहला पदक हासिल किया।
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मशहूर फ़िल्म अदाकार 'प्राण' का निधन
- 12 जुलाई, 2013 शुक्रवार
हिंदी फ़िल्मों के मशहूर विलेन और चरित्र अभिनेता प्राण की शुक्रवार 12 जुलाई, 2013 को देर शाम मुंबई के लीलावती अस्पताल में मौत हो गई। वो 93 साल के थे। उनके बेटे सुनील ने बीबीसी संवाददाता मधू पाल को बताया कि वो लीलावती अस्पताल में भर्ती थे जहां उनकी मौत देर शाम हुई। समाचार एजेंसी पीटीआई ने प्राण की बेटी पिंकी के हवाले से कहा है, "उनकी मौत लंबी बीमारी के बाद हुई।" उन्हें इस साल दादा साहब फालके पुरस्कार से सम्मानित किया गया था लेकिन वो इस क़दर बीमार थे कि इसे ख़ुद स्वीकार करने दिल्ली नहीं आ पाए थे। बाद में सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उनके घर जाकर उन्हें यह पुरस्कार दिया। उनके निधन पर दुख जताते हुए बॉलीवुड ने उन्हें भारतीय सिनेमा का बड़ा स्तंभ बताया, जिनका कई सितारों का जीवन बनाने में अहम योगदान था। फ़िल्म इंडस्ट्री के पुराने और युवा अभिनेताओं ने प्राण के निधन पर अपनी संवेदना जताई। सुपरस्टार दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड के लीजेंड के साथ जुड़ी अपनी यादें साझा कीं। प्राण के साथ कई फ़िल्मों में काम कर चुके अमिताभ बच्चन ने कहा कि उनके जैसे कद्दावर अभिनेता अब नहीं आते। उन्होंने कहा, 'वह एक बेहतरीन व्यक्ति, प्रशंसनीय सहयोगी, संपूर्ण पेशेवर, निभाये जाने वाले पात्रों को अपने में आत्मसाथ करने वाले, काम के बाद एक दिलचस्प साथी और एक विचारशील मनुष्य थे।' दिलीप साहब ने कहा, 'मैं कभी नहीं भूल सकता कि प्राण कैसे मेरे निकाह में पहुंचे थे। श्रीनगर के खराब मौसम से जूझते हुए, वह वहां शूटिंग कर रहे थे। उन्होंने दिल्ली की फ्लाइट ली, वहां से फिर शाम में मुंबई पहुंचे, बस मेरे निकाह से ठीक पहले मुझे गले लगाने के लिए।'
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प्रख्यात ध्रुपद गायक उस्ताद ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर का निधन
- 8 मई 2013, बुधवार
प्रख्यात ध्रुपद गायक उस्ताद ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर का मुम्बई में 8 मई 2013 को निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार थे। उस्ताद ज़िया फ़रीदुद्दीन डागर के इंतकाल की खबर से दिल को यकीन दिलाना मुश्किल हुआ कि ध्रुपद की सबसे बुलंद आवाज़ खामोश हो गई। उस्ताद की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि उन्होंने संगीत के दामन में सबसे ज्यादा सितारे जड़े। उनके शागिर्द पं. उमाकांत-रमाकांत गुंदेचा, पं.ऋतिक सान्याल, उदय भवालकर, पुष्पराज कोष्ठी आज ध्रुपद के ऐसे बेनजीर हीरे हैं, जिनकी चमक ने दुनियाभर में ध्रुपद को रोशन किया है। उस्ताद ने स्वयं तो गुणी शिष्य तैयार किए ही साथ ही भोपाल स्थित गुंदेचा बंधुओं के ध्रुपद संस्थान का भूमिपूजन कर उन्होंने नए चिरागों को रोशन करने की ज़मीन में बीज भी डाल दिए। आज ध्रुपद संस्थान में जो देशी-विदेशी शागिर्दों का गुलिस्ता महकने लगा है, उसकी जड़ें उस्ताद ने ही सींची हैं।
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प्रसिद्ध गायिका शमशाद बेगम का निधन
- 23 अप्रॅल 2013, मंगलवार
भारतीय सिनेमा में अपनी सुरीली आवाज़ से लोगों का दिल जीत लेने वाली मशहूर पार्श्वगायिका शमशाद बेगम का निधन 23 अप्रैल, 2013 को मुम्बई में हो गया। शमशान बेगम ने हिन्दी फ़िल्म जगत से भले ही कई वर्ष पहले दूरियाँ बना ली थीं, किंतु अपने पूरे कैरियर में बेशुमार और प्रसिद्ध गानों को अपनी आवाज़ दी। उन्होंने न जाने कितने ही अनगिनत गानों को अपनी आवाज़ से सजाकर हमेशा-हमेशा के लिए ज़िंदा कर दिया। उनकी बेटी उषा का कहना था कि- "मेरी माँ हमेशा यही कहती थीं की मेरी मौत के बाद मेरे अंतिम संस्कार के बाद ही किसी को बताना कि मैं अब इस दुनिया से जा चुकी हूँ, और मैं कहीं नहीं जाउँगी जहाँ से आई थी, वहीं वापस जा रही हूँ, मैं सदा सबके साथ हूँ। ये खनकी आवाज़ अब अपनी जुबान से गाये गए गानों से ही सबके दिलों को सुकून देगी।"
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160 साल की हुई भारतीय रेल, गूगल ने बदला अपना लोगो
- 16 अप्रॅल 2013, मंगलवार
गूगल (google) ने 16 अप्रॅल 2013 को अपना डूडल (लोगो) भारत की पहली यात्री रेल को समर्पित किया है। इस लोगो में धुआं उड़ाती रेलगाड़ी खजूर के पेड़ों से घिरे रेलमार्ग पर चलती दिख रही है और इन दोनों का मेल गुंबद और मीनार से बने महल जैसा लग रहा है। नारंगी और पीले रंग से बने गूगल लोगो में भाप के इंजन वाली रेलगाड़ी दिखाई गई है, जिसका इंजन गूगल के एक 'ओ' से बनाया गया है। भारतीय उप महाद्वीप में पहली रेलगाड़ी महाराष्ट्र स्थित मुंबई और ठाणे के बीच 21 मील लंबे रेलमार्ग पर 16 अप्रैल, 1853 को चलाई गई थी। इस रेलगाड़ी ने क़रीब 34 किलोमीटर का फासला तय किया था। वैसे इसके पहले प्रायोगिक तौर पर रुड़की में 22 दिसंबर, 1851 को नहर निर्माण से संबंधित ढुलाई के लिए ट्रेन चलाई जा चुकी थी। यह वही वक्त था जब भारत में ईस्ट इंडियन रेलवे और ग्रेट इंडियन पनिन्सलर रेलवे के नाम से दो रेल कंपनियों का गठन हुआ था। इनमें से एक को कोलकाता में और दूसरे को मुंबई में स्थापित किया गया था। आज भारतीय रेल दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में विकसित हो चुका है। क़रीब 64 हज़ार किमी के इसके नेटवर्क से सात हज़ार से ज़्यादा स्टेशन जुड़े हुए हैं। भारतीय रेलवे के पास दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे जैसा पुराना ट्रैक भी है जिसे यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज घोषित कर दिया है।
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राही सरनोबत ने जीता स्वर्ण पदक
- 6 अप्रॅल 2013, शनिवार
राही सरनोबत ने 5 अप्रैल 2013 को दक्षिण कोरिया के चांगवान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज़ी खेल परिसंघ विश्व कप प्रतियोगिता की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने इसी के साथ नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। महाराष्ट्र की राही सरनोबत ने दक्षिण कोरिया की पिस्टल निशानेबाज़ कियोंग किम को फ़ाइनल में 8-6 से पराजित किया। वह इस विश्व कप में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली भारत की पहली महिला निशानेबाज़ हैं। राही इससे उन राइफल शूटरों के एलीट क्लब में शामिल हो गई हैं जिन्होंने भारत के लिए आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीते हैं। इनमें अंजलि भागवत, गगन नारंग, संजीव राजपूत, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, रंजन सोढ़ी और मानवजीत सिंह संधू शामिल हैं।
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60वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की घोषणा
- 18 मार्च, 2013, सोमवार
तिग्मांशु धूलिया निर्देशित फ़िल्म 'पान सिंह तोमर' को 60वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में वर्ष 2012 का सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म चुना गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार इरफ़ान ख़ान (पान सिंह तोमर) और विक्रम गोखले (मराठी फ़िल्मन अनुमति) को संयुक्त रूप से देने का निर्णय लिया गया। अभिनेता इरफ़ान ने फ़िल्म पान सिंह तोमर में राष्ट्रीय स्तर के एक एथलीट का किरदार निभाया है, जो बाद में चम्बल घाटी का सबसे दुर्दांत डकैत बन गया। किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फ़िल्म के लिए हिन्दी फ़िल्म चिट्टागॉन्ग के निर्देशक बेदब्रत पेन तथा मलयालम फ़िल्म 101 चोदियन्गल के निर्देशक सिद्धार्थ सिवा को इंदिरा गांधी पुरस्कार हेतु चयनित किया गया। राष्ट्रीय एकता के लिए दिया जाने वाला सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का नरगिस दत्त पुरस्कार मलयालम फ़िल्म 'थानिचल्लनजान' को देने का निर्णय लिया गया। 'विक्की डोनर' का चयन 3 राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु किया गया। वर्ष 2012 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा फ़िल्मकार बासु चटर्जी, अरूणा राजे तथा स्वपन मलिक ने 18 मार्च, 2013 को की।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ