प्रयोग:गोविन्द6

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी
कभी ख़ुशी कभी ग़म

         यह सही है कि किसी भी नौकरी के लिए ईमानदारी न्यूनतम आवश्यकता है लेकिन इस आवश्यकता को कितने लोग पूर्ण कर रहे हैं। जो इसे पूर्ण कर रहे हैं उन्हें कोई विशेष महत्व क्यों नहीं मिल रहा। किसी ईमानदार को विशेष महत्व न देने की यह परिपाटी उस समय तो ठीक थी जब उन लोगों की संख्या कम थी जो ईमानदार नहीं थे। सन् 1960 के आस-पास भारत में भ्रष्टाचार का अंतरराष्ट्रीय सूचकांक 7 प्रतिशत के लगभग था। ...पूरा पढ़ें

पिछले लेख समाज का ऑपरेटिंग सिस्टम · ग़रीबी का दिमाग़ · कल आज और कल