जाखू मंदिर, शिमला

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जाखू मंदिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह प्रसिद्ध मंदिर 'जाखू पहाड़ी' पर स्थित है। भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान को समर्पित यह मंदिर हिन्दू आस्था का मुख्य केंद्र है। मंदिर परिसर में बहुत से बंदर रहते हैं। पहाड़ी पर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न ट्रैकिंग और पर्वतारोहण गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। जाखू मंदिर की चोटी से शिमला शहर का विहंगम नजारा देखने का आनंद ही कुछ और है। यहाँ आने वाले पर्यटक 2100 मीटर से अधिक की ऊंचाई से कई किलोमीटर दूर तक परमपिता की अभिनव चित्रकारी का आनंद उठा सकते हैं।

स्थिति

जाखू मंदिर, जाखू पहाड़ी पर समुद्र तल से 8048 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यह बर्फीली चोटियों, घाटियों और शिमला शहर का सुंदर और मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। भगवान हनुमान को समर्पित यह धार्मिक केंद्र 'रिज' के निकट स्थित है। यहाँ से पर्यटक सूर्योदय और सूर्यास्त के लुभावने दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।

मान्याता

जाखू के विषय में ऐसी मान्यता है कि बाण लगने के कारण जब श्रीराम के अनुज लक्ष्मण एक बार घायल हुए थे, तब श्रीराम के भक्त हनुमान उनके लिए संजीवनी बूटी लाने के लिए निकले थे। बूटी के लिए जाते समय बजरंगबली ने शिमला की जाखू पहाड़ी पर कुछ देर विश्राम किया था। थोड़ी देर विश्राम करने के बाद हनुमान अपने साथियों को यहीं पर छोड़ कर अकेले ही संजीवनी बूटी लाने के लिए निकल पड़े थे। ऐसा माना जाता है कि उनके वानर साथियों ने यह समझकर कि बजरंगबली उनसे नाराज़ होकर अकेले ही गए हैं, उनका यहीं पहाड़ी पर वापस लौटने का इंतज़ार करते रहे। इसी के परिणामस्वरुप आज भी यहाँ व्यापक संख्या में वानर पाए जाते हैं।

विशाल प्रतिमा

जाखू मंदिर में अब हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा भी लगी है, जिसकी ऊँचाई 108 फीट है। ये प्रतिमा वर्ष 2010 में स्थापित की गई थी। इससे पहले केवल आंध्र प्रदेश में ही 135 फीट की ऊंचाई वाली मूर्ति स्थापित है। शिमला में कहीं से भी आपको हनुमान जी दिखाई देते हैं। मंदिर के गेट पर बंदरों से बचने के लिए छड़ी भी मिलती है। लेकिन बंदरों से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाये तो ही अच्छा है। बताया जाता है कि जाखू मंदिर परिसर में सदियों से बंदरों की टोलियां रहती हैं।

पर्वतारोहण

पहाड़ी पर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न ट्रैकिंग और पर्वतारोहण गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। ट्रैकिंग मार्ग मनोरम पाइन के जंगलों से घिरा हुआ है। आगंतुक जाखू मंदिर तक पहुँचने के लिए 'पोनी' (टट्टू) भी किराए पर ले सकते हैं। जाखू पहाड़ी के आधार क्षेत्र में बहुत-सी दुकाने हैं, जो ट्रैकर्स को ऊपर चढ़ाने में मदद के लिए वॉकिंग स्टिक्स आदि प्रदान करती हैं।


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