भारत सरकार टकसाल, नोएडा
भारत सरकार टकसाल, नोएडा आज़ादी के बाद की अवधि में स्थापित की जाने वाली प्रथम टकसाल है तथा देश की यह चौथी टकसाल है। देश में मांग की सापेक्ष सिक्कों की आपूर्ति में कमी को पूर्ण करने के लिए वर्ष 1984 में भारत सरकार द्वारा नोएडा में 2000 मिलियन सिक्कों की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाली नवीन टकसाल परियोजना स्थापित करने का निर्णय लिया गया था।
स्थापना
जनवरी, 1986 में कुल 30 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से भारत सरकार, वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग द्वारा प्रारम्भ की गयी यह योजना अपने निर्धारित समय में पूर्ण हुई तथा 1जुलाई, 1988 से इस टकसाल ने नियमित उत्पादन प्रारम्भ किया। इस टकसाल में प्रथम बार सिक्का निर्माण हेतु स्टैनलेस स्टील धातु का प्रयोग किया गया। निगमीकरण के पश्चात यह टकसाल 13 जनवरी, 2006 से भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड की इकाई के रूप में कार्यरत है। विगत वर्षों में घरेलू मांग को पूर्ण करने के अतिरिक्त टकसाल ने थाईलैंड तथा डोमेनिक रिपब्लिक इत्यादि देशों की मुद्रा का भी निर्माण किया है। बढ़ती मांग के अनुरूप उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु अप्रैल, 2012 से टकसाल रात्रिपारी में भी सिक्का उत्पादन कर रही है।
दृष्टि एवं मिशन
- अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उत्कृष्ट गुणवत्ता लागत के प्रतिभू उत्पादन व विकास में अग्रणी होना।
- कार्य संस्कृति में सुधार।
- लागत मूलक उत्पादों के विनिर्माण में दक्षता प्राप्त करना।
- शिथिल समय में अतिरिक्त क्षमता का उपयोग करते हुए अन्य उत्पादन कार्य करना।
- उत्पादन पद्धति में परिवर्तन लाते हुए प्रौद्योगिकी विकास का उपयोग।
- केंद्र तथा राज्य सरकार के प्रतिभू उत्पादों तथा चलार्थ व सिक्का उत्पादों की आवश्यकता को भारतीय रिजर्व बैंक की मांग के अनुरूप पूरा करना।
- नए व्यावसायिक अवसरों की खोज।
- प्रभावशाली लागत मूल्य के साथ लाभ अर्जित करने वाली संस्था के रूप में आगे बढ़ना।
- उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार।
- उत्पादन पद्धति में बदलाव।
- प्रतिभू कागज व स्याही जैसी निविष्टियों का स्वदेशीकरण।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हमारे बारे में (हिंदी) आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 7 सितम्बर, 2014।
बाहरी कड़ियाँ
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