भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड
भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड
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अन्य नाम | एस.पी.एम.सी.आई.एल (संक्षिप्त नाम) |
उद्देश्य | प्रतिभूति कागज, सिक्कों की ढलाई, करेंसी एवं बैंक नोटों के मुद्रण गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर, डाक टिकटों, यात्रा दस्तावेजों आदि का निमार्ण कार्य |
स्थापना | वर्ष 2006 |
संस्थापक | भारत सरकार |
मुख्यालय | 16वाँ तल, जवाहर व्यापार भवन, जनपथ, नई दिल्ली |
संबंधित लेख | टकसाल, कोलकाता टकसाल, मुम्बई टकसाल, हैदराबाद टकसाल, नोएडा टकसाल |
अन्य जानकारी | भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड एक मिनी रत्न श्रेणी-1-सीपीएसई ‘‘कम्पनी‘‘ है, जिसकी सभी 9 इकाईयों में कर्मचारियों की कुल संख्या लगभग 15000 है।[1] |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (अंग्रेज़ी: Security Printing and Minting Corporation of India Limited, संक्षिप्त नाम: एस.पी.एम.सी.आई.एल) भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्वाधीन एक कम्पनी है जो प्रतिभूति कागज, सिक्कों की ढलाई, करेंसी एवं बैंक नोटों के मुद्रण गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर, डाक टिकटों, यात्रा दस्तावेजों आदि का निमार्ण कार्य करती है। कम्पनी के पास चार मुद्रणालय, चार टकसालें तथा एक कागज कारखाना है जिनसे यह भारतीय रिज़र्व बैंक की करेंसी नोटों तथा सिक्कों तथा राज्य सरकारों की गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपरों तथा डाक विभाग की डाक स्टेशनरी, टिकटों आदि तथा विदेश मंत्रालय की पासपोर्टो, वीजा स्टिकरों तथा यात्रा दस्तावेजों की ज़रूरतों को पूरा करती हैं। अन्य उत्पादों में स्मारक सिक्के, एमआईसीआर तथा गैर- एमआईसीआर चैक आदि शामिल हैं है। भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड का परिसम्पत्ति आधार 4500 करोड़ रुपये तथा इसका कर-उपरांत लाभ 542 करोड़ है। निगम वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन है। इसके मुखिया अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक हैं। [1]
गठन एवं मुख्यालय
भारतीय प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड की 9 इकाईयों, जिनमें चार टकसालें, चार मुद्रणालय तथा एक कागज कारखाना शामिल हैं। निगमीकरण से पूर्व वित्त मंत्रालय के अधीन कार्य कर रहे थे। इनके निगमीकरण के बाद भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड का गठन किया गया था। कम्पनी को कम्पनी अधिनियम, 1956 के तहत 13.01.2006 को निगमित किया गया था, जिसका मुख्यालय, जवाहर व्यापार भवन, जनपथ, नई दिल्ली में 16 वें तल पर है। भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड एक मिनी रत्न श्रेणी-1-सीपीएसई ‘‘कम्पनी‘‘ है, जिसकी सभी 9 इकाईयों में कर्मचारियों की कुल संख्या लगभग 15000 है।[1]
इतिहास
भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड यद्यपि नया निगम है फिर भी इसका राष्ट्र के प्रतिभूति मुद्रण तथा टकसाल संबंधी कार्य निष्पादन का सुदीर्घ इतिहास है।[1]
18वीं शताब्दी | कोलकाता टकसाल में सिक्कों का निर्माण प्रारम्भ हुआ। सन् 1790 में इंग्लैंड से आधुनिक मशीन लाई गई तथा दूसरे टकसाल की स्थापना की गई। इन टकसालों में कांस्य, रजत तथा स्वर्ण सिक्के ढाले जाने लगे थे। |
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1918 | मुम्बई टकसाल को लंदन की रायल टकसाल की शाखा घोषित किया गया तदोपरान्त 1918 में यहां ब्रिटिश सिक्के ढाले गए। |
1925- | नासिक में डाक लेखन सामग्री तथा डाक टिकटों की छपाई प्रारंभ की गई। |
1928 | नासिक में करेंसी/बैंक नोटों की छपाई प्रारंभ हुई। |
1929 | विभिन्न प्रकार के प्रतिभूति उत्पाद जोड़े गए। |
1962 | एक रुपये मूल्य वर्ग के नोटों की छपाई नए स्थल पर प्रारंभ की गई। |
1967 | प्रतिभूति कागज कारखाने की होशंगाबाद (मध्य प्रदेश) में स्थापना की गई। |
1974 | देवास में एक नया मुद्रणालय स्थापित किया। इसमें बैंक नोटों में उत्कीर्ण मुद्रण तकनीक तथा गिलोटिन मशीन का प्रयोग करके उच्च मूल्य वर्ग के बैंक नोटों के मुद्रण मशीनों की पूर्ण श्रृंखला के साथ देवास (म.प्र.) में नए मुद्रणालय की स्थापना की गई। बैंक नोट मुद्रणालय, देवास में उच्च गुणवत्ता की प्रतिभूति स्याही का भी उत्पादन किया जाता है तथा विभिन्न प्रतिभूति संगठनों को इसकी आपूर्ति की जाती है। |
1980 | सभी करेंसी/बैंक नोटों का मुद्रण नए स्थान पर प्रारंभ किया गया। |
1982 | भारत सरकार द्वारा हैदराबाद में प्रथम प्रतिभूति मुद्रण इकाई की स्थापना की गई। |
1988 | भारत सरकार ने नोएडा (उत्तर प्रदेश) में अपनी पहली टकसाल प्रारंभ की। |
1989 | निम्न प्रतिभूति उत्पाद। |
उत्पादक इकाईयां
उत्पादक इकाईयां अर्थात् करेंसी मुद्रणालय, प्रतिभूति मुद्रणालय, प्रतिभूति कागज कारखाना है। भारत सरकार टकसालों की सभी 9 इकाईयों के प्रमुख महाप्रबंधक हैं। ये औद्योगिक संस्थान है तथा श्रम कानूनों तथा सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों द्वारा विनियमित होते हैं। इन इकाईयों के मुख्य-मुख्य कार्यकलाप इस प्रकार हैं:-
करेंसी मुद्रणालय
करेंसी नोट मुद्रणालय, नासिक रोड तथा बैंक नोट मुद्रणालय, देवास, हमारे देश के साथ-साथ विदेशों के लिए भी नवोन्नत प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हुए बैंक नोटों का उत्पादन करते हैं। भारत में परिचालित 40 प्रतिशत से अधिक करेंसी नोटों का मुद्रण इन इकाईयों द्वारा किया जाता है। इन इकाईयों में डिजाइनिंग, उत्कीर्णन, मुद्रण-पूर्व तथा ऑफसेट सुविधाओं, उत्कीर्ण मुद्रण मशीनों, संख्यांकन एवं परिष्करण मशीनों आदि की सुविधाएं उपलब्ध हैं। दोनों ही करेंसी नोट मुद्रणालय आईएसओ 9001: 2000 एवं आईएसओ 1401: 2004 प्रमाणित इकाईयां है जिनसे प्रतिभूति मदों के लेखों हेतु अचूक प्रणाली, अत्याधुनिक पर्यावरण-अनुकूल दक्ष उपचार सुविधाओं सहित कठोर सुरक्षा प्रणालियां उपलब्ध हैं तथा ये सेवा विभाग में इकाईयों के प्रयोग हेतु राजकोषीय परेषणों के परिवहन हेतु रेलवे राजकोषीय वैगन/वाहक उपलब्ध होते हैं। इन इकाईयों का पूर्वी-अफ्रीका, ईराक, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, भूटान आदि जैसे देशों को बैंक नोट निर्यात करने का इतिहास रहा है। बैंक नोट मुद्रणालय, देवास विभिन्न प्रतिभूति संगठनों हेतु भिन्न-भिन्न प्रकार की प्रतिभूति स्याही का निर्माण भी करती है। इसकी स्याहियों की वार्षिक उत्पादन की स्थापित क्षमता लगभग 240 मीट्रिक टन है। बैंक नोट मुद्रणालय ने सुपर आरॅलाफ उत्कीर्ण मुद्रण मशीनों में प्रयोग हेतु विभागीय तौर पर उत्कीर्ण स्याहियों का निर्माण किया।
प्रतिभूति मुद्रणालय
प्रतिभूति मुद्रणालयों का 80 वर्षो से अधिक का शानदार इतिहास है। जब से यह विशिष्ट प्रौद्योगिकी तथा बहु-मुद्रण प्रक्रियाओं का प्रयोग करते हुए सुरक्षित प्रचालनात्मक प्रक्रियाओं के तहत प्रतिभूति उत्पादों तथा प्रोटोकोलों का उत्पादन कर रहे हैं। इन मुद्रणालयों में डिजाइनिंग, मुद्रण-पूर्व तथा मुद्रणेत्तर हेतु अद्यतन प्रौद्योगिकी सुविधाएं उपलबध हैं। प्रतिभूति मुद्रणालय रसायनिक रूप से प्रतिक्रियाशील तत्वों, विभिन्न गिलोकी प्रतिरूपों, माइक्रो लेटरिंग, यूवी स्याहियों के साथ डिजाइनों, द्वि-प्रतिदीप्तिशील स्याहियों, प्रकाशीय परिवर्ती स्याहियों, माइक्रों छिद्रन, आसंजक/ग्लू, उभरण, डाईकटिंग तथा व्यक्तिकरण जैसी प्रतिभूति विशेषताएं शामिल करने में सक्षम है। भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, नासिक न्यायिक/गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर, सभी प्रकार के डाक अन्य यात्रा दस्तावेज, सतत् लेखन सामग्री, पासपोर्ट, वीजा तथा अन्य यात्रा दस्तावेज, सतत लेखन प्रपत्र में एमआईसीआर तथा गैर-एमआईसीआर चैक, पहचान पत्र, रेलवे वांरट, आयकर विवरणी, आर्डर फार्म, बचत-दस्तावेज, स्मारक टिकटों आदि का मुद्रण एवं आपूर्ति करता है। ये प्रतिभूति दस्तावेज मुद्रित तथा विभिन्न राज्य सरकारों, संघ शासित प्रदेशों और केन्द्र सरकार के विभागों जिनमें डाक विभाग, वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय के साथ-साथ भारतीय रिज़र्व बैंक को भी सप्लाई किए जाते हैं। इसने अन्य बाज़ारों में प्रवेश भी किया है जिसके लिए प्रतिभूति विशेषताओं वाले दस्तावेज अपेक्षित है तथा विविधीकरण के भाग के रूप में यह नए उत्पादों का विकास कर रहा है। जालसाजी का पता लगाने के लिए एक विशिष्ट कक्ष विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों तथा भारतीय रिज़र्व बैंक की आवश्यकता को पूरा करता है। भारत प्रतिभूति मुद्रणालय ने शासकीय एवं राजनायिक-ई-पासपोर्टो का उत्पादन करके भारत में पहली बार ई-पासपोर्ट आरंभ किया है। भारत प्रतिभूति मुद्रणालय ने सफलतापूर्वक पैन-आवेदन प्रपत्रों तथा यूटीआई प्रौद्योगिकी सेवाओं हेतु सम्बद्ध लेखन सामग्री तथा छत्तीसगढ़ सरकार के आरटीओ हेतु प्रमाण पत्रों की लेखन किस्मों का मुद्रण किया है। इसके अलावा, इसने भारतीय पुरातत्व विभाग के साथ विभिन्न स्मारकों के लिए प्रवेश-टिकटों के मुद्रण एवं आपूर्ति हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं तथा चुंगी आवतियों के मुद्रण एवं आपूर्ति हेतु नासिक नगर निगम के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इसने राष्ट्रमंडल खेल-2010 हेतु टिकटों का मुद्रण भी किया है। प्रतिभूति मुद्रणालय, हैदराबाद की स्थापना 1982 में की गयी थी जिससे डाक लेखन मदों, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क टिकटों, गैर-न्यायिक टिकटों, न्यायालय फीस टिकटों, भारतीय पोस्टल आर्डर तथा बचत पत्रों आदि का मुद्रण तथा आपूर्ति कर केन्द्रीय तथा विभिन्न राज्य सरकारों की मांग की पूर्ति की जा सके। यह आधुनिक मुद्रण-पूर्व प्लेट मेकिंग प्रणालियों तथा मुद्रणेत्तर तकनीकों, जिसमें छिद्रण हेतु प्रोसेसिंग सुविधा भी शामिल है, संख्यांकित करने, यूवी प्रिन्ट प्रौद्योगिकी, आनलाइन लिफाफा बनाने, अन्तर्देशीय प्रत्रों, हवाई पत्रों, डाक लेखन सामग्री आदि से सज्जित है। समीक्षाधीन वर्ष में, इसे हरियाणा भण्डागार निगम, पंचकुला से भण्डागार फार्म मुद्रित करने का पहला आदेश मिला है। इसने इन फार्मो में भण्डागार चिन्ह के साथ अदृश्य स्याही में माइक्रो-टेक्स्ट लागू करते हुए प्रतिभूति विशेषताओं को भी समाविष्ट किया है।
प्रतिभूति कागज कारखाना
प्रतिभूति कागज कारखाने की स्थापना वर्ष 1968 में की गयी थी तथा इसे वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में गैर-वाणिज्यिक उपक्रम के रूप में अधिसूचित किया गया था। एसपीएम एक आईएसओ 9001: 2000 इकाई है जो विभिन्न प्रकार के प्रतिभूति कागज के निर्माण के लिए उत्तरदायी है। इस इकाई द्वारा निर्मित कागज का प्रयोग सीएनपी एवं बीएनपी द्वारा करेंसी नोटों के मुद्रण तथा आईएसपी एवं एसपीपी द्वारा गैर-न्यायिक टिकटों में किया जाता है। एसपीएम होशंगाबाद को कागज में अनेक सुरक्षा विशेषताएं जैस प्रतिदीप्ति फाइबर, बहु-टोनल, तीन-दिशायी जल चिन्ह, इलैक्ट्रोटाइम जलचिन्ह, विभिन्न प्रकार के सुरक्षा धागे, टेन्जेन्ट आदि शामिल करने की विशेष महारथ शामिल है। एसपीएम में पर्यावरण अनुकूल प्रक्रिया तथा ऊर्जा संरक्षण पहलुओं को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है।
विभिन्न टकसालें
भारत में कुल चार टकसालें हैं जो निम्न हैं-
- भारत सरकार टकसाल, कोलकाता
- भारत सरकार टकसाल, मुम्बई
- भारत सरकार टकसाल, हैदराबाद
- भारत सरकार टकसाल, नोएडा
ये टकसालें देश भर में परिचालित सिक्कों की ढलाई करती हैं। भारत सरकार टकसालें विस्तृत सेवाएं देती हैं जिसमें योजना से लेकर उत्पादों के परिसज्जा तक ढलाई प्रक्रिया के प्रत्येक स्तर शामिल हैं। उन्नत प्रौद्योगिकी का प्रयोग, नव प्रवर्तन, गुणवत्ता तथा भरोसेमंद सुपुर्दगी पद्धतियां इन टकसालों की शक्ति के कुछेक संघटक हैं। भारत सरकार टकसालों ने ढलाई के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान बनाया है- इनकी डिजाइन में उत्कृष्टता, कीमती धातुओं की ढलाई में विशेषज्ञता तथा इन सबसे ऊपर, कारीगरी की लम्बी परंपरा रही है। डिजाइन में विश्वसनीयता स्वाभाविक रूप से शामिल रहती है और वैयक्तिक कार्य उत्पादन में ग्राहक की सन्तुष्टि परिलक्षित होती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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