बृजेश्वरी देवी मंदिर
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बृजेश्वरी देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा ज़िले में स्थित है। माना जाता है कि जब पिता दक्ष द्वारा शिव का अपमान किया गया तो सती ने स्वयं को योगाग्नि के हवाले कर आत्मदाह कर लिया। भगवान शंकर जब सती की मृत देह को अपने कंधे पर उठाकर घूम रहे थे, तब इसी स्थान पर माता का वक्ष गिरा था और माता यहां शक्तिपीठ रूप में स्थापित हो गईं।
- यह मंदिर काँगड़ा क्षेत्र के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है।
- कहा जाता है कि पहले यह मंदिर बहुत समृद्ध था। इसे बहुत बार विदेशी लुटेरों द्वारा लूटा गया।
- ग़ज़नवी शासक महमूद ने 1009 ई. में इस शहर को लूटा और मंदिर को नष्ट कर दिया। मस्जिद भी बना दी गई थी।
- मंदिर 1905 ई. में जोरदार भूकंप से पूरी तरह नष्ट हो गया था। 1920 में इसे दोबारा बनवाया गया।
- बृजेश्वरी देवी मंदिर में देवी मां एक पिंडी के रूप में पूजी जाती हैं।
- देवी को प्रसाद तीन भागों- 'महालक्ष्मी', 'महाकाली' और 'महासरस्वती' के लिए विभाजित कर चढ़ाया जाता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बृजेश्वरी देवी मंदिर, काँगड़ा (हिन्दी) औदिच्य बंधु। अभिगमन तिथि: 28 सितम्बर, 2014।
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