क्रम
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ईसवी/वर्ष
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विवरण
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1
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100–200 ई.
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संगम युग, करिकाल का शासन (त्रिचरापल्लि के निकट कावेरी नदी पर सिंचाई बाँध का निर्माण)।
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2
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300–888 ई.
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कांची में पल्लवों का शासनकाल।
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3
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500–757 ई.
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पश्चिम तथा मध्य दक्कन में वातापी का प्रथम चालुक्य वंश।
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4
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630–970 ई.
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पूर्वी दक्कन में वेंगी के पूर्वी चालुक्यों का शासनकाल।
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5
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757–973 ई.
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मान्यखेत में राष्ट्रकूटों का शासनकाल।
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6
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985–1014 ई.
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चोल शासक राजराज का शासनकाल, भूमि-सर्वेक्षण का प्रारम्भ (1000 ई0)।
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7
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1014–1044 ई.
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चोल राजा राजेन्द्र का शासनकाल, श्रीलंका की विजय (1018), बंगाल पर आक्रमण (1021)।
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8
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1044–52 ई.
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राजेन्द्र के उत्तराधिकारी राजाधिराज प्रथम का शासनकाल।
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9
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1052–64 ई.
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राजेन्द्र द्वितीय का शासनकाल।
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10
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1064–70 ई.
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वीर राजेन्द्र चोल का शासनकाल।
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11
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1070–1120 ई.
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कुलोत्तुंग प्रथम का शासनकाल, आन्ध्र का चोल राज्य में विलेय (1076)।
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12
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1120–1267 ई.
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परवर्ती चोल शासकों का काल।
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13
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973–1189 ई.
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कल्याणी का द्वितीय चालुक्य वंश।
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14
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636–637 ई.
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ख़लीफ़ा उमर के समय में अरबों का भारत पर पहला अभिलिखित हमला।
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15
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643 ई.
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चीनी यात्री ह्वेनसांग की चीन वापसी।
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16
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647 ई.
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हर्षवर्धन की मृत्यु, ह्वेनसांग पर हमला।
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17
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674 ई.
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विक्रमादित्य प्रथम चालुक्य और परमेश्वर वर्मा प्रथम पल्लव शासक बने।
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18
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675–685 ई.
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तीसरे चीन यात्री इत्सिंग का नालन्दा आवास।
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19
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700–900 ई.
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दक्षिण भारत में आलवारों (वैष्णव) का भक्ति आंदोलन, भक्ति संग्रह 'प्रबंधम्' की रचना।
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20
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712 ई.
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मुहम्मद बिन क़ासिम का सिन्ध पर आक्रमण, देवलगढ़ विजय, निरुन की लड़ाई में हिन्दू राजा दाहिर की मृत्यु, क़ासिम की ब्राह्मणाबाद पर विजय।
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21
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730 ई.
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कन्नौज में मौखरी शासक यशोवर्मन सिंहासनरुढ़।
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22
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753–774 ई.
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ख़लीफ़ा मंसूर के काल में ब्रह्मगुप्त के 'ब्रह्म सिद्धान्त' तथा 'खण्डनखाड्य' का अल्फ़जारी द्वारा अरबी में अनुवाद।
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23
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786–808 ई.
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ईरानी शासक ख़लीफ़ा हारून-अल-रशीद का शासनकाल, बरमस्क (एक मन्त्री) द्वारा भारत के अनेक वैद्यों, ज्योतिषियों, रसायनशास्त्रियों, विचारकों को बगदाद बुलाकर उनसे इन विषयों के अनेक ग्रन्थों का अरबी में अनुवाद करवाया।
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24
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824–924 ई.
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वैष्णव भक्तिकाल।
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25
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986–87 ई.
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खुरासनी शासक अलप्तगीन के ग़ुलाम सुबुक्तगीन का काबुल-कंधार में हिन्दूशाही शासक जयपाल पर प्रथम आक्रमण, जयपाल पराजित।
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26
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997–998 ई.
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सुबुक्गीन की मृत्यु, महमूद गजनवी खुरासन की गद्दी पर बैठा।
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27
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999 ई.
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बगदाद के ख़लीफ़ा द्वारा महमूद गजनवी को स्वतुत्र शासक के रूप में मान्यता।
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28
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1000 ई.
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महमूद गजनवी का भारत पर (काबुल में) प्रथम आक्रमण, स्थानीय जनता पर लूट तथा धर्म परिवर्तन।
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29
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1002 ई.
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महमूद गजनवी का तीसरा आक्रमण, आनन्दपाल से युद्ध तथा उसकी पराजय।
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30
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1010 ई.
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आनन्दपाल अपमानजनक शर्तों पर महमूद गजनवी का सामंत बना।
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31
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1011–1012 ई.
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महमूद का थानेश्वर पर हमला, उत्तर-पश्चिम भारत में हिन्दूशाही के छोटे-बड़े सभी राज्य ध्वस्त।
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32
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1013 ई.
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आनन्दपाल की मृत्यु, पुत्र त्रिलोचनपाल उत्तराधिकारी बना।
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33
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1014 ई.
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तोषी की लड़ाई में त्रिलोचनपाल परास्त, झेलम तक का क्षेत्र गजनवी के राज्य में सम्मिलित।
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34
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1017 ई.
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शंकराचार्य के मायावाद का खंडन कर विशिष्टाद्वैतवाद मत की स्थापना करने वाले वैष्णव आचार्य रामानुज का जन्म।
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1018–1019 ई.
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गजनवी का गंगा नदी-यमुना दौआब क्षेत्र पर क़ब्ज़ा।
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36
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1025–1026 ई.
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गजनवी के द्वारा सोमनाथ मन्दिर (गुजरात) की लूट।
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37
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1026 ई.
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अन्तिम हिन्दूशाही शासक भीमपाल की मृत्यु, काबुल-कंधार के हिन्दूशाही वंश का अन्त।
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38
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1027 ई.
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जाटों को कुचलने के लिए महमूद का भारत (गुजरात-सिंन्ध) पर 17वाँ व अन्तिम आक्रमण।
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38
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1030 ई.
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महमूद गजनवी की मृत्यु, मसूद गजनी का सुल्तान, किताब-उल-हिन्द के लेखक अलबरूनी का भारत आगमन।
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39
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1043 ई.
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स्थानीय हिन्दू राजाओं का लाहौर पर पुनः अधिकार कर स्वाधीन राज्य स्थापित करने का प्रयास विफल।
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40
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1131 ई.
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कर्नाटक में लिंगायत सम्प्रदाय के संस्थापक संत बासवेश्वर या बासव का जन्म।
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41
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1137 ई.
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विशिष्टाद्वैतवाद मत के विचारक संत रामानुजाचार्य का देहान्त।
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42
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1162 ई.
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द्वैतवादी वैष्णव संत निम्वार्क स्वामी का जन्म।
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43
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1163 ई.
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मुइजुद्दीन मोहम्मद गौरी गजनी का शासन बना।
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1167 ई.
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संत बाससेश्वर का निधन।
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