कृत्तिवास रामायण

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कृत्तिवास रामायण की रचना 15वीं शती के बांग्ला कवि कृत्तिवास ओझा ने की थी। यह संस्कृत के अतिरिक्त अन्य उत्तर-भारतीय भाषाओं की पहला 'रामायण' है।

  • गोस्वामी तुलसीदास के 'रामचरितमानस' के रचना काल से लगभग सौ वर्ष पूर्व 'कृत्तिवास रामायण' का आविर्भाव हुआ था।
  • कृत्तिवास रामायण के रचयिता संत कृत्तिवास बंग भाषा के आदिकवि माने जाते हैं।
  • संत कृत्तिवास छन्द, व्याकरण, ज्योतिष, धर्म और नीतिशास्त्र के प्रकाण्ड पण्डित थे, और राम नाम में उनकी परम आस्था थी।
  • बंग-भाषा के इस महाकाव्य में निम्न छः काण्ड हैं-
  1. आदि काण्ड
  2. अयोध्या काण्ड
  3. अरण्य काण्ड
  4. किष्किन्धा काण्ड
  5. सुन्दर काण्ड
  6. लंका काण्ड
  • यह ग्रंथ मूल 'रामायण' का शब्दानुवाद नहीं है, बल्कि इसमें मध्यकालीन बंगाली समाज और संस्कृति का विविध चित्रण भी है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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