विशाल भारत
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विशाल भारत सन 1928 ई. में कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) से प्रकाशित होने वाला पत्र था। इसके संस्थापक रामानंद चटर्जी थे। बनारसीदास चतुर्वेदी इसके प्रथम सम्पादक हुए थे और वे सन 1928 से 1937 ई. तक इसका सम्पादन कार्य करते रहे।[1]
- ‘विशाल भारत’ को उसका वास्तविक रूपाकार बनारसीदास चतुर्वेदी ने ही प्रदान किया था।
- बनारसीदास चतुर्वेदी जी के बाद सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, मोहनसिंह सेंगर तथा श्रीराम शर्मा इस प्रमुख समाचार पत्र का सम्पादन कार्य करते रहे।[1]
- यह पत्र 'सरस्वती' पत्रिका के बाद सबसे अधिक ख्याति प्राप्त पत्र रहा। इसी पत्र में प्रथम बार जनपदीय साहित्य की ओर ध्यान दिया गया था।
- संस्मरण और पत्र संग्रह की दृष्टि से भी इस पत्र का बहुत अधिक महत्त्व है। इसके कई विशिष्ट अंक निकले थे, जैसे- 'रवींद्र अंक', 'एड्रूंज अंक', 'पद्मसिंह शर्मा अंक', 'कला अंक' और 'राष्ट्रीय अंक' आदि।
- प्रवासी भारतीयों के प्रसंग में जो आंदोलन प्रारम्भ हुआ था, उसका प्रमुख माध्यम 'विशाल भारत' ही था। इसके लेखकों में डॉ. राजेंद्र प्रसाद, हज़ारीप्रसाद द्विवेदी, रामानंद चटर्जी, कालिदास नाग प्रभृति थे।
- सामग्री चयन और कलात्मक मुद्रण, दोनों ही दृष्टियों से 'विशाल भारत' के प्रारम्भिक स्वरूप में हिन्दी पत्रकारिता के श्रेष्ठतम रूप का दर्शन होता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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