चित्र:Uttang-Gave-Eardrop.jpg
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विवरण (Description) | उत्तंग का गुरुपत्नी को कुण्डल-अर्पण। |
आभार (Credits) | गीता प्रेस गोरखपुर |
अन्य विवरण | उत्तंग की गुरु-भक्ति देखकर गौतम ऋषि ने अपनी कन्या का विवाह इनके साथ कर दिया था। शिक्षा पूरी करने के बाद जब उत्तंग ने गौतम ऋषि से गुरु दक्षिणा के संबंध में पूछा, तो गुरुपत्नी ने सौदास की पत्नी 'मदयंती' के कुंडल लाकर देने को कहा। सौदास नरभक्षी राक्षस था। उत्तंग निर्भय उसके पास पहुंचे। उत्तंग ने सौदास को आश्वासन दिया कि, कुंडल ऋषि की पत्नी को देकर वे सौदास का आहार बनने के लिए चले आएंगे। उत्तंग ने मदयंती के कुंडल प्राप्त कर लिए। |
चित्र का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
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वर्तमान | 10:22, 14 मई 2016 | 937 × 1,341 (1,013 KB) | दीपिका वार्ष्णेय (वार्ता | योगदान) |
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