मोहन बागान ए. सी.
मोहन बागान ए. सी.
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विवरण | 'मोहन बागान' भारत का सबसे प्रसिद्ध और पुराना फ़ुटबॉल क्लब है। इस क्लब को "भारत का राष्ट्रीय क्लब" होने का गौरव प्राप्त है। |
देश | भारत |
पूरा नाम | मोहन बागान एथलेटिक क्लब |
उपनाम | मैरीनसे |
स्थापना | 15 अगस्त, 1889 |
मैदान | 'युवा भारती क्रीडांगन', कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
वेबसाइट | क्लब का आधिकारिक पृष्ठ |
अन्य जानकारी | मोहन बागान ने 1893 में पहली बार किसी टूर्नामेंट में भाग लिया था। 1939 में मोहन बागान 25 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद 'कलकत्ता फ़ुटबॉल लीग' को जीतने वाला प्रथम भारतीय क्लब बना था। |
मोहन बागान एथलेटिक क्लब (अंग्रेज़ी: Mohun Bagan A. C.) प्रसिद्ध भारतीय फ़ुटबॉल क्लब है, जो कोलकाता में स्थित है। इसे "भारत का राष्ट्रीय क्लब" कहा जाता है और इसे एशिया का सबसे पुराना फ़ुटबॉल क्लब होने का गौरव भी प्राप्त है। इस प्रतिष्ठित फ़ुटबॉल क्लब की स्थापना 15 अगस्त, 1889 में की गई थी। मोहन बागान क्लब अपनी स्थापना के बाद से ही सफल रहा है। मोहन बागान ने 1893 में पहली बार किसी टूर्नामेंट[1] में भाग लिया था।
स्थापना
भारत में 19वीं सदी के आख़िर में जब स्वतंत्रता आंदोलन की शुरुआत हुई, तब कोलकाता में भारतीय राष्ट्रवादी आम लोगों को प्रेरित कर रहे थे। उसी दौरान भूपेन्द्रनाथ बसु ने मित्रा परिवार और सेन परिवार की मदद से 15 अगस्त, 1889 को 'मोहन बागान स्पोर्टिंग क्लब' के नाम से वर्तमान मोहन बागान की स्थापना की। क्लब ने ईडन हिंदू हॉस्टल के विरुद्ध, मोहन बागान विला में अपना पहला मैच खेला था। इस क्लब का मैदान 'युवा भारती क्रीडांगन' है, जो कोलकाता, पश्चिम बंगाल में स्थित है। इस मैदान की दर्शक क्षमता 120,000 है।
नाम परिवर्तन
मोहन बागान क्लब की स्थापना की सालगिरह से पहले प्रोफ़ेसर एफ़ जे र्होव ने पूछताछ की- "क्या क्लब ने किसी राइफल शूटिंग या मछली पकड़ने या अन्य संबंधित गतिविधियों का आयोजन किया है?" जब उन्हें इस सवाल का जवाब नहीं में मिला तो सुझाव दिया गया कि क्लब का नाम "स्पोर्टिंग" से "एथलेटिक" किया जाए। अधिकारियों ने भी अपनी सहमति व्यक्त की और क्लब को आधिकारिक तौर पर "मोहन बागान एथलेटिक क्लब" के रूप में नाम दिया गया।
सफलता
मोहन बागान ने 'कूचबिहार कप' और 'ट्रेड्स कप' की तरह विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया, लेकिन टूर्नामेंट जीतने मे असफल रहे। बाद में इस क्लब ने 1904 में 'कूचबिहार कप' जीत कर अपनी पहली ट्रॉफी जीती। इस जीत के बाद से क्लब ने नियमित रूप से अन्य प्रतियोगिताओं में जीतना शुरू किया। मोहन बागान के इतिहास में गौरवपूर्ण क्षण 1911 मे आया, जब यह ईस्ट यॉर्कशायर रेजीमेंट को 2–1 से हराकर आई.एफ.ए. शील्ड जीतने वाला और किसी यूरोपीय टीम को हराने वाला पहला भारतीय फ़ुटबॉल क्लब बना। 1939 में मोहन बागान 25 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद 'कलकत्ता फ़ुटबॉल लीग' को जीतने वाला प्रथम भारतीय क्लब बना।
राष्ट्रीय ट्राफ़ियाँ
मोहब बागान क्लब ने राष्ट्रीय महत्व की कई ट्राफ़ियाँ जीती हैं, जैसे-
- फेडरेशन कप
- डूरंड कप
- नेशनल फ़ुटबॉल लीग
- कोलकाता प्रीमियर डिवीजन
सन 1947 में मोहन बागान ने आइ.एफ़.ए. शील्ड जीती। इस जीत के माध्यम से मोहन बागान स्वतंत्रता के बाद आई.एफ़.ए. शील्ड जीतने वाला पहला क्लब बना। 1977 में इस क्लब ने मशहूर उत्तर अमेरिकी फ़ुटबॉल लीग के क्लब न्यूयॉर्क कॉस्मॉस के विरुद्ध एक दोस्ताना मैच खेला। न्यूयॉर्क कॉस्मॉस में दिग्गज ब्राजीली खिलाड़ी पेले भी थे। मैच 80,000 प्रशंसकों के सामने इडेन गार्डेंस में खेला गया था। यह मैच 2-2 गोल की बराबरी पर खत्म हुआ और बागान के खिलाड़ियों को कॉस्मॉस के सितारे खिलाड़ियों से बहुत प्रशंसा मिली।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कूचबिहार कप