पंत प्रतिनिधि
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पंत प्रतिनिधि मराठा साम्राज्य में पेशवा से भी उच्च पद था।
- यह नया पद छत्रपति शिवाजी के दूसरे पुत्र राजाराम ने उस समय सृजित किया था, जब उसने जिंजी के दुर्ग में शरण ले रखी थी।
- शाहू के समय में पंत प्रतिनिधि के पद का महत्त्व घट गया और पेशवा पद का महत्त्व बढ़ गया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 231 |