अनिल कपूर का विवाह

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अनिल कपूर का विवाह
अनिल कपूर
अनिल कपूर
प्रसिद्ध नाम अनिल कपूर
जन्म 24 दिसम्बर, 1959
जन्म भूमि चेंबूर, मुंबई
अभिभावक पिता- सुरिंदर कपूर माता- निर्मल कपूर
पति/पत्नी सुनीता कपूर
संतान बेटी- सोनम कपूर, रिया कपूर; बेटा- हर्षवर्धन
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र अभिनेता, निर्माता
मुख्य फ़िल्में 'मेरी जंग', 'जांबाज', 'कर्मा', 'मिस्टर इंडिया', 'तेज़ाब', 'राम लखन', 'घर हो तो ऐसा', 'बेटा'
विद्यालय ऑवर लेडी ऑफ़ परपिच्‍युल सकर हाईस्‍कूल, सेंट जेवियर कॉलेज
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी अनिल कपूर अपने कॅरियर और परिवार में से हमेशा परिवार को प्राथमिकता देते हैं।
अद्यतन‎

हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता अनिल कपूर अपने अभिनय के बल पर बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं। जब वह अपने कॅरियर की शुरुआत कर रहे थे उसी दौरान उनका विवाह सुनीता कपूर के साथ हुआ था। अनिल और सुनीता का प्रेम विवाह हुआ था। उनकी प्रेम कहानी बेहद दिलचस्प है।

अनिल कपूर की प्रेम कहानी

1980 के दशक में अनिल कपूर एक संघर्षशील अभिनेता थे। रोज़-रोज़ ऑडिशन के लिए जाया करते थे। उन्हीं दिनों एक लड़की की महज झलक भर उन्हें दिखी। उस एक झलक में अनिल कपूर दिल हार बैठे। लेकिन जब उस लड़की के बारे में जानकारी जुटाना शुरू की तो पता चला कि वह तो एक सफल मॉडल है। उस तक पहुंचना दूर उन्हें उस मॉडल को दोबारा देखने के ‌लिए भी मशक्कत करनी पड़ेगी। पर अनिल से नहीं रहा गया। उन्होंने अपने कुछ ऐसे दोस्तों को दिल का हाल सुनाया जो उस लड़की के थोड़े-बहुत क़रीब थे। वह चाहते थे उनके दोस्त लड़की से मिलवाएं। लेकिन दोस्त ऐसा नहीं कर पाए। हां, दोस्तों ने एक काम किया कि कहीं से उस लड़की का टेलीफोन नंबर अनिल को दे दिया। फिर क्या था, जैसा कई फ़िल्मों में दिखता है अनिल अपनी प्रेमिकाओं को फोन पर लुभाते दिखते हैं, उन्होंने खुद की निजी जिंदगी में भी वैसे ही किया था। वह उस मॉडल से फोन पर बातचीत शुरू कर दी। उन दिनों अनिल कपूर के अज़ीज़ दोस्तों में रहे गुलशन ग्रोवर ने बताया ‌कि अनिल फोन पर ही अपना सब कुछ हार बैठे थे। लेकिन दुविधा ये कि वह लड़की से मिलने को नहीं सोच रहे थे, क्यों? क्योंकि सच में उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि एक लड़की को डेट पर ले जा सकें।[1]

प्रेमिका ने खुद ही उठाया ख़र्च

फोन पर बात करने के दौरान उस समय की सफल मॉडल सुनीता बंबानी ने खुद ही एक दिन अनिल कपूर से मिलने का प्रस्ताव रख दिया। अब अनिल क्या करें? 'सुनीता ने पूछा कितनी देर में पहुंच जाओगे। उन्होंने कहा दो घंटे में। क्यों, दो घंटे क्यों? उन्होंने कहा, मैं बस से आऊंगा तो इतना वक्त तो लगेगा ही। उन्होंने कहा बस से क्यों आ रहे हो, उन्होंने उन्हें साफ बताया इनके पास उतने ही पैसे हैं।' इसके बाद सुनीता ने बेहद चौंकाने वाला ज़वाब दिया। गुलशन ग्रोवर ने बताया कि इतना सुनने के बाद आमतौर पर तब लड़कियां-लड़कों को छोड़ देती थीं। लेकिन सुनीता ने अनिल से कहा, 'आप कैब कर लो, मैं यहां उन्हें पैसे दे दूंगी।' यह सुनकर अनिल का दिलभर आया। हालांकि इसके बाद कई बार ऐसा हुआ जब अनिल को सुनीता से पैसे लेने पड़े। तब इसके बदले में वह सुनीता को अभिनय करके दिखाया करते थे, जैसा कि उन्होंने खुद ही बताया। लेकिन इन सब का नतीजा ये हुआ कि अनिल की पैसे कमाने की भूख और बढ़ गई। वह जल्दी से जल्दी कामयाब अभिनेता बनाना चाहते थे कि ताकि वह सुनीता के बराबर खड़े हो सकें और उनके सामने विवाह का प्रस्ताव रख सकें।

अनिल का विवाह प्रस्ताव

अनिल कपूर फ़िल्मों में जगह बनाने के ‌लिए खूब मेहनत कर रहे थे। धीरे-धीरे से ही सही पर अनिल को भी फ़िल्में मिलना शुरू हो गईं थी। साल 1984 में आई फ़िल्म 'मशाल' ने उन्हें वो रुतबा दिया जिसका उन्हें इंतजार था। इस फ़िल्म से अनिल उस स्तर पर पहुंच गए जहां से वह सुनीता के सामने विवाह का प्रस्ताव रख सकें। फिर क्या, उन्होंने वही किया, सुनीता से दिल की बात बता दी और विवाह के लिए पूछ लिया। सुनीता ने सोचने के लिए थोड़ा सा वक्त मांगा। अनिल को लगा शायद उन्होंने जल्दी कर दी अभी एक ही फ़िल्म तो चली है और आमतौर पर माना जाता है कि आदमी का असली बॉलीवुड कॅरियर उनकी दूसरी फ़िल्म से शुरू होता है। लेकिन अनिल को उस दिन अचंभा हुआ जब सुनीता ने फोन करके उनका प्रस्ताव स्वीकार लेने की बात की। फिर तो अनिल के मन में विवाह के लड्डू फूटने लगे।

दिस्तों के कहने से रोका विवाह

अनिल ने विवाह के लिए एक तारीख़ भी पक्की ली। लेकिन इस बार सामने फ़िल्म इंडस्ट्री के लोग। इंडस्ट्री के दोस्तों का कहना था‌ कि अगर अनिल ने अभी विवाह किया तो उनका कॅरियर समाप्त हो जाएगा। ये बात इतनी बढ़ गई कि आख़िरकार दिल पर पत्‍थर रखकर अनिल को अपना विवाह रोकना पड़ा। लेकिन उनका मन नहीं मान रहा था। वह लगातार परिवार और दोस्तों को समझाते थे कि विवाह से उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उधर, सुनीता भी तब असुरक्षित महसूस करने लगी थीं। अनिल ने दोबारा विवाह की तारीख़ रखने बाद फिर से उसे आगे बढ़ाने की बात सुनीता से कही।

अनिल कपूर का दामपत्य जीवन

अनिल कपूर के विवाह से उनके परिवार वालों को कभी आपत्ति नहीं थी, लेकिन अनिल के बॉलीवुड के दोस्तों को आपत्ति थी। लेकिन दो बार विवाह की तारीख़ टालने के बाद सुनीता ने भी साफ कर दिया कि अब आगे ऐसे नहीं चलेगा। फिर ठंडे दिमाग से सोचने के बाद अनिल ने तय ही कर लिया, 19 मई, 1984 को अनिल और सुनीता एक दूजे के हो गए।

सुनीता पहले ही अनिल को संवारने में लगी हुई थीं। अनिल ने बताया ‌कि सुनीता न होतीं तो वह आज इस मुक़ाम पर नहीं होते। सुनीता ने विवाह के बाद अनिल के कॅरियर को ही अपना कॅरियर मान लिया। उन्होंने मॉडलिंग छोड़कर घर संभाला और अनिल को खुला आसमान दिया कि वह किसी निरर्थक सोच में पड़ने के बजाय अपने कॅरियर के बारे में सोचें। वह अनिल कपूर के लिए ड्रेस डिजाइन करने से लेकर उनके साथ शूटिंग पर विदेश तक जाती थीं। यहां तक कि फ़िल्मी कॅरियर के दौरान कई बार अनिल का नाम माधुरी दीक्षित के साथ जोड़ा गया, लेकिन सुनीता ने हमेशा इसे अफवाह मानकर टाल दिया। आज दोनों बेहद सफल दांपत्य जीवन जी रहे हैं। उनके तीनों बच्चे, सोनम कपूर, रिया कपूर, हर्षवर्धन कपूर अभिनय के क्षेत्र में हैं। खुद अनिल भी उतने ही स‌क्रिय हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 बेहद दिलचस्प है अनिल कपूर की प्रेम कहानी (हिंदी) www.amarujala.com। अभिगमन तिथि: 21 जून, 2017।

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