साँचा:राष्ट्रपति2
क्र.सं. | वर्ष | निर्वाचित प्रत्याशी | द्वितीय स्थान प्राप्त प्रत्याशी | मत प्रतिशत | चित्र |
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पहला | 1952 | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद | के. टी. शाह | 83.80 | |
दूसरा | 1957 | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद | एन. एन. दास | 99.30 | |
तीसरा | 1962 | डॉ. राधाकृष्णन | सी. एच. राम | 98.30 | |
चौथा | 1967 | डॉ. ज़ाकिर हुसैन | के. सुब्बाराव | 56.20 | |
पाँचवाँ | 1969 | वाराहगिरि वेंकट गिरि | नीलम संजीव रेड्डी | 50.20 | |
छठा | 1974 | फ़ख़रुद्दीन अली अहमद | टी. चौधरी | 80.20 | |
सातवाँ | 1977 | नीलम संजीव रेड्डी | निर्विरोध | ||
आठवाँ | 1982 | ज्ञानी ज़ैल सिंह | एच. आर. खन्ना | 72.70 | |
नवाँ | 1987 | आर. वेंकिटरमन अय्यर | वी. आर. कृष्ण | 72.30 | |
दसवाँ | 1992 | डॉ. शंकरदयाल शर्मा | जी. जी. स्वेल | 64.78 | |
ग्यारहवाँ | 1997 | के. आर. नारायणन | टी. एन. शेषन | 94.70 | |
बारहवाँ | 2002 | डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम | कैप्टन लक्ष्मी सहगल | 89.98 | |
तेरहवाँ | 2007 | प्रतिभा देवी सिंह पाटिल | भैरोसिंह शेखाबत | 65.82 | |
चौदहवाँ | 2012 | प्रणव मुखर्जी | पी. ए. संगमा | 69.31 | |
पंद्रहवाँ | 2017 | रामनाथ कोविंद | मीरा कुमार | 65.66 |
राष्ट्रपति के द्वारा शपथ
राष्ट्रपति या कोई व्यक्ति, जो किसी कारण से राष्ट्रपति के कृत्यों के निर्वहन के लिए नियुक्त होता है, अपना पद ग्रहण करने के पूर्व अनुच्छेद 60 के तहत भारत के मुख्य न्यायाधीश या उसकी अनुपस्थिति में उच्चतम न्यायालय में उपलब्ध वरिष्ठतम न्यायधीश के समक्ष अपने पद के कार्यपालन की शपथ लेता है। राष्ट्रपति के शपथ पत्र का प्रारूप निम्नलिखित रूप में होता है–
मैं, अमुक ईश्वर की शपथ लेता हूँ सत्य निष्ठा से प्रतिज्ञाण करता हूँ कि मैं श्रद्धापूर्वक भारत के राष्ट्रपति के पद का कार्यपालन (अथवा राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन) करूँगा तथा अपनी पूरी योग्यता से संविधान और विधि का परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण करूँगा और मैं भारत की जनता की सेवा और कल्याण में निरत रहूँगा।
राष्ट्रपति द्वारा लिया जाने वाला शपथ या प्रतिज्ञण उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के शपथ से इस मामले में भिन्न है कि राष्ट्रपति संविधान और विधि के परिरक्षण, संरक्षण और प्रतिरक्षण का शपथ लेता है।
राष्ट्रपति की पदावधि
अनुच्छेद 56 के अनुसार राष्ट्रपति अपने पदग्रहण की तिथि से पाँच वर्ष की अवधि तक अपने पद पर बना रहता है, लेकिन इस पाँच वर्ष की अवधि के पूर्व भी वह उपराष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र दे सकता है या उसे पाँच वर्ष की अवधि के पूर्व संविधान के उल्लंघन के लिए संसद द्वारा लगाये गये महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है। राष्ट्रपति द्वारा उपराष्ट्रपति को सम्बोधित त्यागपत्र की सूचना उसके द्वारा (उपराष्ट्रपति के द्वारा) लोकसभा के अध्यक्ष को अविलम्ब दी जाती है। राष्ट्रपति अपने पाँच वर्ष के कार्यकाल के पूरा करने के बाद भी तब तक राष्ट्रपति के पद पर बना रहता है, जब तक उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर लेता है।
भारतीय संविधान में प्रावधान किया गया है कि राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के पद के कार्यों का निर्वहन करेगा और राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति दोनों के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या दोनों की अनुपस्थिति में भारत का मुख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति के पद के कृत्यों का निर्वहन करेगा। इसी कारण जब 3 मई, 1969 को तत्कालीन राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन की मृत्यु हुई, तब तत्कालीन उपराष्ट्रपति वी॰ वी॰ गिरि कार्यकारी राष्ट्रपति नियुक्त किये गये लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवार होने के लिए अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। तब भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति मोहम्मद हिदायतुल्ला ने राष्ट्रपति के पद का निर्वहन तब तक किया, जब तक निर्वाचित होकर वी॰ वी॰ गिरि ने राष्ट्रपति पद का कार्यभार ग्रहण नहीं कर लिया। अब तक तीन उपराष्ट्रपति वी॰ वी॰ गिरि (राष्ट्रपति जाकिर हुसैन की मृत्यु के कारण), बी.डी. जत्ती (राष्ट्रपति फ़खरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु के कारण), तथा मोहम्मद हिदायतुल्ला (राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ेल सिंह की अनुपस्थिति के कारण) और एक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ती मोहम्मद हिदायतुल्ला राष्ट्रपति के पद के कृत्यों का निर्वहन कर चुके हैं।
नाम | कार्यकाल |
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उम्मीदवार | चुनाव तिथि | प्राप्त मत |
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