मीरा कुमार
मीरा कुमार
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पूरा नाम | मीरा कुमारी |
जन्म | 31 मार्च, 1945 |
जन्म भूमि | बिहार |
अभिभावक | बाबू जगजीवन राम और श्रीमती इंद्राणी देवी |
पति/पत्नी | मंजुल कुमार |
संतान | एक पुत्र (अंशुल) एवं दो पुत्रियाँ (स्वाति और देवांगना) |
नागरिकता | भारतीय |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पद | पूर्व लोकसभा अध्यक्ष |
कार्य काल | 4 जून, 2009 से 4 जून, 2014 |
शिक्षा | कला स्नातक, विधि स्नातक |
विद्यालय | इन्द्रप्रस्थ कॉलेज, मिरांडा हाउस और दिल्ली विश्वविद्यालय |
भाषा | अंग्रेजी, स्पेनिश, हिंदी, संस्कृत और भोजपुरी |
अन्य जानकारी | मीरा कुमार ने संसद में लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष (स्पीकर) बन कर एक नई इबारत लिखी। |
अद्यतन | 18:18, 23 मई 2014 (IST)
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मीरा कुमार (अंग्रेज़ी: Meira Kumar, जन्म: 31 मार्च, 1945) ने भारतीय संसद में लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष (स्पीकर) बन कर एक नई इबारत लिखी। उन्हें सर्वसम्मति से 15वीं लोकसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। वह इस पद पर निर्वाचित होने वाली पहली दलित महिला भी हैं। इसके अलावा श्रीमती मीरा कुमार आठवीं, ग्याहरवीं, बारहवीं और पन्द्रहवीं लोकसभा की सदस्य रहीं हैं। वे पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री जगजीवन राम की सुपुत्री हैं।
जीवन परिचय
मीरा कुमार का जन्म 31 मार्च, 1945 को बाबू जगजीवन राम और इन्द्राणी देवी के यहाँ बिहार में हुआ। मीरा ने अपनी शिक्षा इन्द्रप्रस्थ कॉलेज, मिरांडा हाउस और दिल्ली विश्वविद्यालय से की। मीरा कुमार ने कला में स्नातक (मास्टर ऑफ़ आर्ट्स), विधि स्नातक और स्पैनिश में एडवांस्ड डिप्लोमा की डिग्रियाँ ली हैं। मीरा अंग्रेजी, स्पेनिश, हिंदी, संस्कृत, भोजपुरी में प्रवीण है। मीरा कुमार ने भारत के उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता, श्री मंजुल कुमार से विवाह किया और उनके एक पुत्र (अंशुल) एवं दो पुत्रियाँ (स्वाति और देवांगना) हैं।
परिवार
मीरा कुमार के पिता स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय हेतु संघर्षकर्ता तथा उप प्रधान मंत्री स्वर्गीय बाबू जगजीवन राम और माता स्वर्गीय श्रीमती इंद्राणी देवी, स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा अनेक पुस्तकों की लेखिका थी।
राजनीतिक परिचय
राजनीति में मीरा कुमार का प्रवेश 80 के दशक में हुआ था। 1985 में वे पहली बार बिजनौर से संसद में चुन कर आई। 1990 में वे कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी समिति की सदस्य और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की महासचिव भी चुनी गई। 1996 में वे दूसरी बार सांसद बनीं और तीसरी पारी उन्होंने 1998 में शुरु की। 2004 में बिहार के सासाराम से लोक सभा सीट जीती। जी एम सी बालायोगी के बाद वे दूसरी दलित नेता है जो इस पद तक पहुंची।
प्रमुख बिन्दु
- बिजनौर, उत्तर प्रदेश से आठवीं लोक सभा में संसद सदस्य (कांग्रेस)[1]
- करोल बाग, दिल्ली से ग्यारहवीं लोक सभा में संसद सदस्य (कांग्रेस)। दिल्ली से जीतने वाले दो कांग्रेस उम्मीदवारों में से एक।
- करोल बाग, दिल्ली से बारहवीं लोक सभा में संसद सदस्य (कांग्रेस)। दिल्ली से जीतने वाली एकमात्र कांग्रेस उम्मीदवार।
- सासाराम, बिहार से चौदहवीं लोक सभा में संसद सदस्य (कांग्रेस)। बाबू जगजीवन राम इस संसदीय क्षेत्र से 50 वर्षों से अधिक समय तक संसद सदस्य रहे। बिहार में सर्वाधिक अंतर से जीत दर्ज की।
- सासाराम, बिहार से पंद्रहवीं लोक सभा में संसद सदस्य (कांग्रेस) ।
- तीन अलग-अलग राज्यों से जीतने वाले गिने-चुने सदस्यों में एक।
- सदस्य, भारतीय संसदीय ग्रुप।
- सदस्य, अंतर-संसदीय संघ।
सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ
- सामाजिक एवं आर्थिक समानता, कमज़ोर वर्गों का सशक्तीकरण सुनिश्चित कराने के प्रति वचनबद्ध। सामाजिक क्षेत्र सुधार, मानव अधिकार और लोकतंत्र से संबंधित आंदोलनों में विशेष रूप से सक्रिय।
- भूतपूर्व अध्यक्ष, अखिल भारतीय समता आंदोलन।
- भूतपूर्व अध्यक्ष, रविदास स्मारक सोसाइटी, वाराणसी, (2000 - 2006)
- भूतपूर्व सभापति, मीरा कला मंदिर, उदयपुर।
- सभापति, जगजीवन राम सेनेटोरियम, देहरी-ऑन-सोन, (2000 - 2006)
- भूतपूर्व अध्यक्ष, जगजीवन सेवा आश्रम, सासाराम।
- भूतपूर्व सभापति, राजेन्द्र भवन ट्रस्ट।
- सदस्य, उच्चतम न्यायालय बार ऐसोसिएशन, 1986 से।
- प्रबंधन न्यासी, जगजीवन आश्रम न्यास, दिल्ली, 1985-2004
- अध्यक्ष, आरवीएकेवी सोसाइटी दिल्ली (नेत्रहीन बालिका संस्था), (1992 - 1998)
- सदस्य, सीनेट पंजाब विश्वविद्यालय, 1987-91
- सदस्य, सीनेट पंजाब विश्वविद्यालय, 1969-71
- सदस्य, शासी निकाय, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् (आईसीसीआर), (1987 - 1992)
विशेष रुचि
- हिंदी में कविताएँ लिखना, जिनमें से बहुत सी प्रकाशित हुई हैं।
- अध्ययन (समसामयिक इतिहास, कहानियाँ)।
- भारतीय शास्त्रीय संगीत तथा नृत्य।
- राइफल शूटिंग।
- अश्वारोहण।
- सांस्कतिक विरासत, प्राचीन स्मारकों, भारतीय शिल्पकला, परिधानों का संरक्षण।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (स्वर्गीय प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी द्वारा बिजनौर उप-चुनाव लड़ने का आग्रह किए जाने पर राजनीति में प्रवेश हेतु भारतीय विदेश सेवा से त्यागपत्र)।
बाहरी कड़ियाँ
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