क्षेत्र पंचायत
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क्षेत्र पंचायत गाँव एवं ज़िले के मध्य सम्पर्क स्थापित करता है।
सदस्य
- प्रमुख
- क्षेत्र की समस्त पंचायत के प्रधान
- निर्वाचित सदस्य
- लोकसभा एवं विधानसभा के वे सदस्य जो उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हों।
- राज्यसभा एवं राज्य विधानपरिषद् के वे सदस्य जो उस क्षेत्र के मतदाता हों, इनमें से एक प्रमुख, एक ज्येष्ठ उप-प्रमुख एक कनिष्ठ उप-प्रमुख चुना जाएगा।
- प्रमुख क्षेत्र पंचायतों की बैठकों का सभापतित्व करता है, इसका कार्यकाल 5 वर्ष का है। क्षेत्र पंचायत को सरकार द्वारा 5 वर्ष से पूर्व भी भंग किया जा सकता है। शेष नियम ग्राम पंचायत की भाँति हैं।
कार्यक्षेत्र
- ग्राम विकास के कार्यक्रमों का क्रियान्वयन, मूल्यांकन व अनुश्रवण।
- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का संचालन।
- बीज केन्द्र का संचालन।
- सम्पत्तियों के रख-रखाव का दायित्व।
- विपणन, गोदामों का पर्यवेक्षण।
- पशु चिकित्सालय का स्वामित्व।
- एक से अधिक ग्राम पंचायतों को अच्छादित करने वाले कार्य।
कार्य का संचालन
कार्य का संचालन निम्नलिखित समितियाँ करती हैं–
- नियोजन एवं विकास समिति
- शिक्षा समिति
- निर्माण कार्य समिति
- प्रशासनिक समिति
- जल प्रबन्धन समिति
- स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति
क्षेत्र पंचायत के आय के स्रोत
क्षेत्र पंचायत के आय के स्रोत निम्नलिखित हैं–
- स्थानीय कर
- मण्डियों से प्राप्त फ़ीसें
- राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान एवं ऋण
- दान तथा चन्दे
- ज़िला परिषद् अथवा उसके द्वारा उपलब्ध तदर्ध अनुदान
- क्षेत्र पंचायत द्वारा लगाए गए करों व शुल्कों को प्राप्त आय
- घाटों, मेलों आदि के पट्टों से प्राप्त आय
- क्षेत्र से उगाहे गए राजस्व के 10 प्रतिशत के बराबर सरकारी अनुदान
- सरकार द्वारा क्षेत्र पंचायतों को जो परियोजनाएँ संचालित करने के लिए देती हैं, उसकी धनराशि।
क्षेत्र पंचायत निधि
क्षेत्र पंचायत निधि का संचालन खण्ड विकास अधिकारी तथा क्षेत्र पंचायत के अध्यक्ष संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाता है। खण्ड विकास अधिकारी क्षेत्र पंचायत स्तर का अधिकारी होता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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