पटवारी
पटवारी (अंग्रेज़ी:Patwari) राजस्व विभाग का कार्यकर्ता होता है। इन्हें भिन्न-भिन्न स्थानों में भिन्न-भिन्न नामों से भी जाना जाता है जैसे- पटेल, कारनाम अधिकारी, शानबोगरु आदि। पटवारी भारतीय उपमहाद्वीप के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार का प्रशासनिक पद होता है। पटवारी को लेखपाल भी कहा जाता है।
पटवारी के कार्य
पटवारी ग्राम स्तर पर एक कर्मचारी होता है। जिसके क्षेत्र में एक या एक से अधिक गांव आते है तथा पटवारी इन गावों की भूमि का पूर्ण विवरण रखते है। जैसे- एक किसान के पास कितनी भूमि है, इस पर लगान क्या है व भूमि किस किस्म की है। यह सब जानकारी पटवारी रखता है।
- किसी भूमि का क्रय विक्रय पटवारी (लेखपाल) की सहायता द्वारा ही संपन्न होता है।
- पटवारी राजस्व अभिलेखों को अपडेट रखता है।
- पटवारी भूमि का आवंटन करता है।
- पटवारी आपदाओं के दौरान, आपदा प्रबंधन अभियानों में सक्रिय रूप से अपना सहयोग देता है।
- पटवारी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के खेतों के हस्तांतरण का कार्य करता है।
- पटवारी राष्ट्रीय कार्यकर्मो में भी सहयोग के साथ साथ कृषि गढ़ना, पशु गरणा, तथा अन्य आर्थिक सर्वेक्षण में सहयोग देते है।
- पटवरी विकलांग पेंसन, वृद्धावस्था, आय व जाति प्रमाण पत्र बनवाने में आवेदकों की सहायता करता है।
पटवारी बनने के लिए योग्यता
पटवारी बनने के लिए किसी खास प्रकार का कोर्स करने की कोई ज़रूरत नहीं होती है। इस पद के लिए आवेदन करने हेतु उम्मीदवार को किसी मान्याता प्राप्त विश्वविद्यालय से 12वीं पास होना अनिवार्य होता है। 12वीं के साथ-साथ उम्मीदवार को कम्प्यूटर की सामान्य जानकारी होना ज़रूरी है। पटवारी पद के लिए उम्मीदवार की उम्र सीमा न्यूनतम आयु 18 साल है और अधिकतम आयु 38 साल है। लेखपाल का पद राज्य सरकार के अधीन पद है। यह ग्रेड C का पद है। लेखपाल या पटवारी पद दो प्रकार के होते हैं-
- राजस्व लेखपाल
- चकबंदी लेखपाल
पटवारी का वेतन
पटवारी पद का मासिक वेतन 5200 से लेकर 20,200 रूपये तक होता है और जैसे-जैसे पटवारी के काम करने का अनुभव होता जाता है, वैसे-वैसे वेतन में बढ़ोतरी की जाती है। पटवारी सरकारी नौकर होने के साथ-साथ कई प्रकार की सरकारी सुविधाओं का भी लाभ उठाता है- जैसे फ्री दवाईयां, बस के किराए में छूट।