प्रदेष्ट्र

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:20, 22 अप्रैल 2018 का अवतरण (''''प्रदेष्ट्र''' मौर्य साम्राज्य के शासन प्रबंध में...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

प्रदेष्ट्र मौर्य साम्राज्य के शासन प्रबंध में राजकर्मचारी का एक उच्च पद था। प्रदेष्ट्र मौर्य शासन व्यवस्था के महत्त्वपूर्ण अंग थे और जिन्हें कुछ विशेषाधिकार प्राप्त थे।

  • मौर्य काल में प्रान्त ज़िलों में विभक्त थे, जिन्हें 'आहार' या 'विषय' कहते थे और जो सम्भवतः विषयपति के अधीन था।
  • ज़िले का शासक स्थानिक होता था और स्थानिक के अधीन गोप होते थे, जो पूरे 10 गाँवो के ऊपर शासन करते थे।
  • स्थानिक समाहर्ता के अधीन थे। समाहर्ता के अधीन एक और अधिकारी शासन कार्य चलाता था, जिसे 'प्रदेष्ट्र' कहा गया है।
  • प्रदेष्ट्र स्थानिक, गोप और ग्राम अधिकारियों के कार्यों की जाँच करता था। इन प्रदेष्ट्रियों को अशोक के प्रादेशिकों के समरूप माना गया है।


इन्हें भी देखें: मौर्यकालीन भारत, मौर्य काल का शासन प्रबंध, मौर्ययुगीन पुरातात्विक संस्कृति एवं मौर्यकालीन कला


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख