उड़न साँप

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उड़न साँप उड़न साँप मध्य भारत, बिहार, उड़ीसा और बंगाल में अधिक पाए जाते हैं। इनका रंग ऊपर से हल्का पीलापन लिए हुए हरा होता है। नियमित दूरियों पर काले रंग की आड़ी पट्टियाँ रहती हैं जो काले सीमांतोंवाले शल्कों के कारण बनी होती हैं। अधरशल्क हरे होते हैं। सिर काला होता है जिसपर साथ साथ पीले या हल्के हरे रंग को आड़ी पट्टियाँ तथा कुछ धब्बे होते हैं।

यह साँप छिपकलियों, छोटे स्तनियों, पक्षियों, छोटे साँपों, और कीटों को खाता है। यह घरों के आस पास भी कभी कभी दिखाई देता है। यह बहुत तीव्र गति से चलने की क्षमता रखता है जो इसकी विशिष्टता है। यह इस तरह कूदता चलता है मानो उड़ रहा हो। इसीलिए इसे उड़न साँप का भ्रामक नाम दिया गया है। यह अंडप्रजक है। यह कभी कभी पेड़ की शाखाओं से लटका भी देखा गया है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 59 |

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