तेलंगानाभारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य से अलग होकर बनने वाला 29वाँ नवगठित राज्य है। हैदराबाद को दस साल के लिए तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी बनाया गया है। यह परतन्त्र भारत के हैदराबाद नामक राजवाडे के तेलुगू भाषी क्षेत्रों से मिलकर बना है। 'तेलंगाना' शब्द का अर्थ है - 'तेलुगूभाषियों की भूमि'। गौरतलब है कि 1,14,800 वर्ग किलोमीटर में फैले तेलंगाना में आंध्र प्रदेश के 23 ज़िलों में से 10 ज़िले हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेदक, नलगोंडा, महबूबनगर, वारंगल, करीमनगर, निज़ामाबाद , आदिलाबाद और खम्मम आते हैं।
7 फ़रवरी, 2014 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक पास करके और हैदराबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की सीमांध्र नेताओं की मांग खारिज कर दी थी। इसके बाद सीमांध्र और तेलंगाना सांसदों के बीच हंगामे और झड़प के बीच विधेयक लोकसभा में पेश किया गया। 18 फ़रवरी, 2014 को लोकसभा ने तेलंगाना विधेयक पास कर दिया और फिर अगले ही दिन किरण रेड्डी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 20 फ़रवरी, 2014 को राज्य सभा ने विधेयक पास किया। तत्कालीन प्रधानमंत्रीमनमोहन सिंह ने सीमांध्र के लिए पैकेज की घोषणा कर दी।
1 मार्च, 2014 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तेलंगाना विधेयक पर अपनी सहमति दे दी और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हुआ। इसके बाद 30 अप्रैल, 2014 को 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा और 17 लोकसभा सीटों पर एक साथ चुनाव हुए। 2 जून, 2014 को नए राज्य के रूप में तेलंगाना का जन्म हुआ और के. चन्द्रशेखर राव ने राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।