अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन

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अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन, संक्षिप्त- 'आईएसओ' (अंग्रेज़ी: International Organization for Standardization or ISO) अनेक तकनीकी और गैर-तकनीकी क्षेत्रों के मानकीकरण से संबंधित है। यह एक गैर-सरकारी संगठन है जो विश्व के विभिन्न देशों में वस्तुओं एवं सेवाओं की गुणवत्ता के लिए मापदंड निर्धारित करता है। आईएसओ ने लगभग 22,041 अंतरराष्ट्रीय मानकों को प्रकाशित किया है। ISO के मानक प्रमाण पत्र उद्योग कृषि, प्रौद्योगिकी, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। तकनीकी विकास के परिणामस्वरूप हुये परिवर्तनों के समावेश के लिये प्रत्येक 5 में मानकों की समीक्षा की जाती है। आज आईएसओ उन्नत पदार्थों, जीव विज्ञान, नगरीकरण तथा सेवा जैसे नये क्षेत्रों के मानकीकरण में भी सक्रिय है।

इतिहास

अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन की स्थापना 23 फ़रवरी, 1947 में जेनेवा में हुई थी। इसकी पहली बैठक लंदन में 14 अक्‍टूबर, 1946 में हुई थी। आईएसओ का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है। प्रथम आईएसओ मानक का प्रकाशन 1951 में हुआ तथा वह मानक औद्योगिक लंबाई माप से संबंधित था।

उद्देश्य

इस संगठन के गठन के प्रमुख उद्देश्यों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वस्तुओं, सेवाओं और प्रणालियों की गुणवत्ता, सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए मानकीकरण और सम्बंधित गतिविधियों के विकास को प्रोत्साहित करना, बौद्धिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और आर्थिक गतिविधियों में सहयोग विकसित करना आदि शामिल है। जो उत्पाद और सेवाएँ आईएसओ द्वारा तय किये गए मानकों पर खरे उतरते हैं, उनको बेचना किसी भी कम्पनी के लिए बहुत आसान हो जाता है।

सदस्य

जनवरी 2018 के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन के सदस्य देशों की संख्या 162 हैं। हर एक सदस्य एक राष्ट्रीय निकाय होता है तथा वह अपने देश के मानकीकरण का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व करता है। प्रत्येक देश का प्रतिनिधित्व करने के लिये एक सदस्य होता है। पश्चिमी औद्योगिक देशों के सदस्य सामान्यतया निजी संगठन होते हैं, जबकि अन्य देशों के सदस्य प्रायः सरकारी संगठन होते हैं।

श्रेणियाँ

  • सदस्य संस्थाएं - वे राष्ट्रीय संस्थाएं हैं, जो कि प्रत्येक देश में सर्वाधिक प्रतिनिधित्व मानक संस्था मानी जाती हैं। केवल इन सदस्यों को मतदान का अधिकार है।
  • प्रतिनिधि सदस्य - प्रतिनिधि सदस्य में वे राष्ट्र शामिल हैं, जिनका अपना कोई मानक संगठन नहीं है। इन सदस्यों को आईएसओ की गतिविधियों से सुविज्ञ रखा जाता है, लेकिन ये मानक प्रख्यापन या प्रवर्तन में भाग नहीं लेते।
  • अंशदाता या उपभोक्ता सदस्य - अंशदाता या उपभोक्ता सदस्यों में छोटी अर्थव्यवस्था वाले राष्ट्र शामिल होते, जो घटी सदस्यता शुल्क देते हैं, परंतु मानकों के विकास का अनुसरण कर सकते हैं।

लाभ

सामान्य रूप से वो कम्पनियाँ जो अपना उत्पाद बाजार में बेचती हैं, उनके लिए ISO प्रमाणपत्र बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योकि इससे कम्पनी को कई प्रकार के फायदे होते हैं, जैसे-

  1. ISO प्रमाणपत्र कम्पनी की गुणवता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
  2. इससे कम्पनी के प्रोडक्ट की मार्केट में विश्वनीयता बढ़ती है।
  3. यह कम्पनी की औद्योगिक और वाणिज्यिकता को बढ़ावा देता है।
  4. प्रोडक्ट की गुणवत्ता में सुधार होता है और लागत कम होती है।
  5. ISO प्रमाणपत्र से कम्पनी के ग्राहकों के हितों की रक्षा होती है।

सरल शब्दों में कहा जाए तो ISO प्रमाणपत्र कम्पनी के लिए बहुत ही जरूरी होता है, क्योंकि यह एक तरह से कंपनी को नई साफ़-सुथरी छवि प्रदान करता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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